चाहे जो कुछ भी हो जाए, शीरोज में एक चीज नियमित तौर पर होती है। बिना कोई एक दिन भी गंवाए, ज़िकरा खान रोजाना शानदार और जायकेदार भोजन पकाती हैं और रोजाना वह अपनी रसोई में शीरोज परिवार का स्वागत भी करती हैं। सिर्फ यह नहीं, वह शीरोज की कुकिंग, फूड और रेसिपी समुदाय की सुपर SHEROES भी हैं।
ज़िकरा सबको सिखाने के लिए अपनी स्वादिष्ट भोजन की रेसिपीस भी शेयर करती हैं। यदि उनके द्वारा बताई गई रेसिपी को कोई समझ नहीं पाता और उनसे अनगिनत सवाल पूछता है तो उसके जवाब देने में वह थकती नहीं हैं। निस्संदेह, यह सब रोजाना करने के लिए जुनून और रुचि चाहिए और वह दोनों ज़िकरा के अंदर भरमार मे हैं!
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि ज़िकरा ने एजुकेशन और सोशियोलॉजी में मास्टर्स की डिग्री ली हुई है। वर्तमान में भारत के मध्य प्रदेश में रहने वालीं 27 साल की ज़िकरा केंद्रीय विद्यालय के प्राथमिक विंग में एक शिक्षक हैं।
वह भारत- तिब्बत सीमा पुलिस में काम करने वाले एकअर्द्धसैनिक व्यक्ति की गौरवान्वित पत्नी हैं। ज़िकरा अभी हाल ही में लद्दाख से लौटी हैं, जहां उनके पति इससे पहले तैनात थे। उसी जगह पर उन्होंने कई रेसिपीज को बनाना सीखा है, हंसते हुए बताती हैं ज़िकरा।
उत्तर प्रदेश के छोटे शहर सहारनपुर और साथ ही एक रुढ़िवादी समुदाय से आने वाली ज़िकरा कहती हैं, अपने शौक को पूरा करना कोई बड़ी बात नहीं थी, बल्कि अपनी पढ़ाई को पूरा करना मुश्किल था।
मेरे अब्बा हमारे समुदाय के अन्य अब्बा की तरह ही थे, जो चाहते थे कि ग्रेजुएशन के तुरंत बाद मेरी शादी हो जाए। लेकिन मैं बार- बार उनसे आत्म निर्भर होने की बात कहती रहती थी। मैं जानती थी कि यदि मैंने यह कोशिश नहीं की तो मेरे छोटे भाई- बहनों के लिए भी पढ़ाई करने का दरवाजा बंद हो जाएगा। इसलिए मैंने हार नहीं मानी।
हालांकि मेरे अब्बा का मन नहीं था मैं आगे पढ़ूं लेकिन उन्होंने मुझे पढ़ने की इजाजत दे दी। और आज, मुझे यह बताते हुए बहुत गर्व महसूस हो रहा है कि मेरी बहन एक इंजीनियर है और मेरा भाई इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। आज मेरे अब्बू और मेरी अम्मी को हमारी उपलब्धियों पर गर्व है। और जिन लोगों ने उनसे कहा था कि लड़कियों को इतनी आजादी नहीं देनी चाहिए, वह समाज आज चुपचाप खड़ा है, खुश होकर गर्व से बताती हैं ज़िकरा।
ज़िकरा को कुकिंग का शौक कैसे लगा, शीरोज में कुकिंग और रेसिपी समुदाय में इतने स्वादिष्ट रेसिपी को नियमित तौर पर डालने के पीछे की क्या कहानी है? जवाब में ज़िकरा कहती हैं, आपको पसंद आएं? धन्यवाद!
सच कहूं तो कुकिंग असल में मेरा शौक नहीं था। यह सब तब शुरू हुआ, जब मैं 6 कक्षा में थी और मेरी अम्मी अकसर बीमार पड़ जाया करती थी। उस समय मैंने अम्मी की मदद के लिए खाना पकाना शुरू किया।
उसके बाद तो मुझे खाना पकाने में मजा आने लगा। जल्दी ही दोस्तों और रिश्तेदारों से प्रशंसा मिलनी शुरू हो गई तो मैंने किचन में अधिक प्रयोग करना शुरू कर दिया। दो साल पहले ही मेरी शादी हुई है। मेरे पति एक फूडी हैं। यह मेरे लिए केक पर आइसिंग की तरह था क्योंकि वह मेरे पकाए भोजन के सबसे बड़े आलोचक और ग्राहक भी हैं, तेजी से ठहाके लगाते हुए बताती हैं ज़िकरा। ज़िकरा आगे कहती हैं, चूंकि उनके पति की नौकरी ट्रांसफरेबल है और वे हाई सिक्योरिटी जोन में रहते हैं तो वह कुकिंग क्लास नहीं चला सकती हैं। लेकिन जल्दी ही वह कुकिंग में खुद को विशेषज्ञ बनाकर यूट्यूब चैनल शुरू करने वाली हैं। साथ ही वह पैसे बचा रही हैं ताकि बाद में अपना एक कैफे या रेस्तरां शुरू कर सकें। ज़िकरा के अंदर कुकिंग का इतना जोश है कि वह आईटीबीपी ककर्मियों की अन्य महिलाओं के साथ खाना पकाने के टिप्स साझा करती हैं, जहां वह और उनके पति रह रहे हैं।
एक सच्ची प्रेरणा के तौर पर ज़िकरा कहती हैं, मैं सिर्फ पढ़ाना चाहती हूं, भले ही मुझे उसके लिए सैलरी न मिले। कुकिंग कभी मेरा शौक हुआ करता था, लेकिन अब यह मेरा जुनून है। मुझे हर उस व्यक्ति के साथ टिफ्स शेयर करना अच्छा लगता है, जिन्हें इससे लाभ पहुंचता है।
वह आगे कहती हैं, सोशल मीडिया के माध्यम से शीरोज में आने से मेरे शौक को पंख लग गए हैं, जिसे मैं जल्दी ही एक पेशे में बदलना चाहती हूं। इसमें कोई शक नहीं है कि शीरोज में उनके पोस्ट्स ने सबको प्रेरित किया हुआ है।
हाल ही में उनकी एक रेसिपी भारत के प्रमुख समाचार पत्र द स्टेट्समैन में प्रकाशित हुई है। यह भी शीरोज के माध्यम से हुआ। वह कहती हैं, मैंने दिवाली 2018 के आस- पास लौकी की मीठी रेसिपी शेयर की थी। एक दिन मेरे पास मेरिल मैडम का फोन आया और उन्होंने मुझे बताया कि मेरी रेसिपी को द स्टेट्समैन अखबार ने चुना है और अपने विशेष खंड में प्रकाशित किया है। मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था।
जबसे मैं शीरोज पर हूं, यहां मिल रहे प्यार ने मुझे अधिक मजबूत, अधिक आत्मविश्वासी और अधिक प्रेरित महिला बनाया है। अब मैं फूड बिजनेस में आगे बढ़ने के लिए दृढ़ हूं। और मैं धीरे- धीरे इस दिशा में काम भी कर रही हूं।
मुस्कुराती हुई ज़िकरा कहती हैं कि इस समय वह शीरोज के लिए दिए जा रहे इंटरव्यू को सेलिब्रेट करने के लिए अपने पति के लिए एक खास मिठाई पका रही हैं। यह सब उनके पति के प्रति उनके प्यार को दर्शाता है। कम ही लोग जानते होंगे कि ज़िकरा खान को पेंटिंग बनाने का भी शौक है। पक्षियों के आस- पास बनाई इस पेंटिंग को देखें, क्या यह खूबसूरत नहीं है?
तो शीरोज की ज़िकरा के लिए आपका क्या संदेश है? आइए सुनते हैं कि आप उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए कैसे प्रेरित करती हैं? समाज हमेशा आपको पीछे खींचने की कोशिश करेगा। लेकिन यदि आप पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि आपको जीवन में क्या चाहिए, तो इसके बारे में मुखर रहें। सही पढ़ाई करें क्योंकि जीवन बहुत सारे अवसरों का एक द्वार है। लेकिन इस सबसे ज्यादा जरूरी यह है कि आप कभी भी हार न मानें। हमेशा कोशिश करती रहें। जीवन एक पूर्ण भोजन की तरह है, आपको इसे विभिन्न मसालों से संतुलित बनाना है। और एक स्वादिष्ट भोजन के लिए आपको अपनी थाली में सही सामग्री डालनी पड़ती है। इसलिए कभी हार न मानें।
मुझे यकीन है कि ज़िकरा की कहानी ने आपको खुश और प्रेरित किया होगा। तो ज़िकरा को अपना प्यार भेजने के लिए कमेंट्स सेक्शन में लिखिए और इसे शायर कीजिए। जायकेदार रेसिपीज के लिए आप चाहें तो शीरोज पर ज़िकरा को फॉलो भी कर सकती हैं।
इस लेख के बारे में कुछ ज़रूरी बातें -
पिंकी बजाज का इंटरव्यू, पुरस्कार विजेता और स्वतंत्र पत्रकार महिमा शर्मा द्वारा किया गया था । यह लेख केवल उनके अंग्रेजी लेख का हिंदी अनुवाद है ।
आप यहाँ पर ज़िकरा खान का अंग्रेजी लेख पढ़ सकती हैं |