शादी समाज के लिए नहीं, प्यार और आपसी समझ के लिए करना चाहती हैं राजकुमारी

ये कहानी मणिपुर राज्य की एक महिला “राजकुमारी दयामंती” की है जिन्होंने Tourism Admisnistration में Masters किया है, परंतु अगर कैरीअर की बात करें तो उन्होंने तक़रीबन एक साल के लिए एक चेन्नई की BPO में और बाद में मुंबई में छोटे समय के लिए एक ट्रैवल एजेंट की तरह काम किया है और जल्द ही पारिवारिक ज़िम्मेदारियों की वजह से ये सब छोड़ दिया। कैरीअर छोड़ कर वे वापस मणिपुर अपने माता पिता की देखभाल करने के लिए चली गईं।

परंतु चालीस वर्षीय राजकुमारी दयामंती को सिवाय एक चीज़ के कोई पछतावा नहीं है - उनका अविवाहित जीवन।

“मेरे दो छोटे भाई मुंबई में काम करते हैं और मेरे पापा के रिटायरमेंट के बाद मैं अपने माता पिता के साथ रहकर उनकी देखभाल करती हूँ। उनके देखभाल के लिए कोई नहीं है। बल्कि मैं कहूँगी कि हम एक दूसरे को मैनेज और सपोर्ट करते हैं।

मेरे पापा की पेन्शन से कुछ हमारा गुजारा हो जाता है जब तक मैं इस उम्र में कोई फ़्रीलैन्स जॉब ढूँढ नहीं लेती। और बाक़ी हम अपने छोटे से खेत में खेती के उत्पादन को बेचकर गुजारा कर लेते हैं।”

राजकुमारी कहती हैं कि काफ़ी लम्बे समय तक उन्हें एक जीवनसाथी की कमी महसूस होती थी। लेकिन शीरोज़ कम्यूनिटी जोईन करने के बाद उन्हें एक बेहद ख़ूबसूरत ज़िंदगी का अनुभव  हुआ।

“जीवन के एक पड़ाव में मुझे जीवनसाथी की ज़रूरत महसूस होती थी, पर मैं मैट्रिमोनीयल साइट्स से किसी से मिलने के लिए बहुत ही भोली थी। वह मेरे लिए आसान नहीं था । मुझे यह आसान इसलिए भी नहीं लगता था क्योंकि जब आप किसी अनजान व्यक्ति से मिलते हैं तो भले ही आपको उनकी बातें अच्छी नहीं लगे, पर आप अपनी गरिमा बनाए रखने के लिए कभी कभी उसके अटपटे सवालों पर भी चुप रह जाते हो।

और पड़ोसियों और रिश्तेदारों के कभी न ख़त्म होने वाले सवाल और चोट पहुँचाते हैं। फिर एक समय आया मेरी ज़िंदगी में जब मैंने फ़ैसला कर लिया कि अब और बेज़्ज़ती नहीं सहूँगी और किसी और को अपनी ज़िंदगी की ख़ुशियाँ ख़त्म करने नहीं दूँगी। एक महिला अपने फ़ैसले की इज़्ज़त क्यों नहीं करती है?”

मणिपुर में मेरी बहुत सहेलियाँ थी परंतु उन सब की शादी हो गई और साथ ही ज़िंदगी की प्राथमिकताएँ भी बदल गईं।

राजकुमारी कहती हैं कि शीरोज़ समुदाय में उन्हें वो  इज़्ज़त मिली।

राजकुमारी कहती हैं  “महिलाओं के लिए मणिपुर एक बहुत ही सुरक्षित स्थान है। यहाँ महिलाओं और पुरुषों के बीच भेदभाव भी काफ़ी हद तक नहीं किया जाता है, लेकिन जब शादी की बात आती है, तो और शहरों के जैसे यहाँ भी समाज आपको अच्छी नज़रों से नहीं देखते अगर आप एक अविवाहित महिला हो । हर बार आपसे यही सवाल पूछेंगे “शादी क्यों नहीं करती हो? शादी कब करोगे?”

उन्होंने भी समाज की तरह मेरी तरफ़ अपना नज़रिया बदल लिया। फिर मैंने उन सबसे कभी न मिलने का फ़ैसला कर लिया।”

राजकुमारी कहती हैं उन्हें इंटर्नेट से शीरोज़ के बारे में जानकारी मिली और अब यही उनका परिवार बन चुका है।

“यहाँ मेरी सहेलियाँ मेरी आलोचना नहीं करती हैं। मेरा आत्मविश्वास फिर से जाग गया है जो कहीं गुम हो गया था । मैं बहुत ही गौरव से कह सकती हूँ कि मेरे दो दिल हैं - एक माता-पिता के लिए धड़कता है और एक शीरोज़ परिवार के लिए।

राजकुमारी कहती हैं “मैंने शीरोज़ पर बहुत अच्छे दोस्त बनाए हैं। शीरोज़ ने मेरी ज़िंदगी बदल दी है और मेरी दुनिया में एक उम्मीद की किरण ले कर आइ है ।अब मुझे ख़ुद से प्यार है और ख़ुद पर भरोसा भी है।

मुझे एहसास हो गया है कि शादी ज़रूरी नहीं है बल्कि ज़रूरी यह है कि आपका जीवनसाथी आपको समझे और आपसे प्यार करे, आपको बदल के नहीं। और तब तक अपने माता पिता के साथ रहना चाहिए क्योंकि दुनिया में उनसे बढ़कर आपको कोई प्यार नहीं कर सकता है।अपने माता पिता को हमें ढेर सारा प्यार और महत्व देना चाहिए ।”

राजकुमारी में यह बदलाव न केवल उनसे बात करते वक़्त महसूस होता है बल्कि शीरोज़ ऐप पर उनके सारे पोस्ट्स में भी झलकते हैं ।आइए देखें उनकी एक पोस्ट:

राजकुमारी हँसते हुए कहती हैं  “मैं एक बहुत ही खुश और संतुष्ट परिवार में पैदा हुई थी। हमारे पास बहुत पैसा नहीं है, लेकिन हम जानते हैं कि हम गरीब नहीं हैं। क्योंकि हम एक दूसरे के लिए प्यार से समृद्ध हैं। हम सबसे कठिन समय में एक दूसरे को सपोर्ट करते हैं। एक दूसरे के लिए हमारा प्यार ही हमारी ताकत है और यह हमेशा रहेगा।”

राजकुमारी ने एक लंबा सफर तय किया है। वह न केवल अपने पोस्ट्स से शीरोज़ में अपने दोस्तों को प्रोत्साहित और प्रेरित करती हैं बल्कि उन्हें मणिपुर और उत्तर पूर्व के बारे में विस्तृत पोस्ट से मणिपुर की संस्कृति से अवगत कराती हैं। एक बार यह पोस्ट देखें:

वे बताती हैं कि शीरोज़ जोईन करने के बाद वह अपने कौशल को सुधारने के बारे में सोच रही हैं और उन्होंने ऑनलाइन कमाना भी शुरू कर दिया है। वे बाद में विवरण साझा करेगी, लेकिन अभी के लिए, उन्होंने हमें एक संदेश दिया है:

“आप जीवन-साथी चुनें पर इसलिए नहीं योंकि आपको उनकी आवश्यकता है, बल्कि इसलिए कि आप दोनों में एक आपसी समझ, प्यार, सम्मान और एक दूसरे पर विश्वास है। लेकिन अगर आप अविवाहित हैं, तो उदास होने का यह कोई कारण नहीं है। मेरी तरह  #BeYourOwnRani। हम सब शीरोज़ हैं। इसलिए अपने अस्तित्व पर गर्व करो। मेरे दोस्त और मेरा परिवार होने के लिए धन्यवाद। मैं आप सभी से प्यार करती हूँ।”

हमें विश्वास है की #MeetTheSHEROES सिरीज़ की इस कहानी ने आपको बहुत ही प्रभावित किया है। कृपया अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और कॉमेंट में राजकुमारी के लिए स्नेह और इस ऑर्टिकल पर अपनी राय दें। आप उन्हें शीरोज़ पर फ़ॉलो कर सकते हैं

इस लेख के बारे में कुछ ज़रूरी बातें​ -

राजकुमारी दयामंती का इंटरव्यू, पुरस्कार विजेता और स्वतंत्र पत्रकार महिमा शर्मा द्वारा किया गया था । यह लेख केवल उनके अंग्रेजी लेख का हिंदी अनुवाद है ।

आप यहाँ पर राजकुमारी दयामंती का अंग्रेजी लेख पढ़ सकती​ हैं |


Tulika Anand Thakur
मैं बिहार की कवि हूँ और मेरी लेखन प्यार, वास्तविक जीवन के अनुभवों, मातृत्व, दोस्ती, रिश्ते और नारित्व से प्रेरित है ।

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