किसी भी कर्मचारी के लिये करियर बनाने के लिये वापसी करना हमेशा से ही चुनौतीपूर्ण रहा है। खासतौर पर महिलाओं के लिये, फिर से करियर शुरू करना और भी मुश्किल होता है क्योंकि उनके द्वारा करियर में लिये गये विराम का कारण अधिकतर व्यक्तिगत होता है और विराम की अवधि लंबी होती है। लेकिन भारत में कुछ कंपनियां हैं जो महिला की क्षमता को समझती हैं और यह कंपनियां महिलाओं को उनका कौशल संवराने/निखारने और करियर में वापस लौटने के लिये समान अवसर प्रदान करती हैं। यह आठ कंपनियां महिलाओं को काम पर वापसी के लिये कार्यक्रम के रूप में शानदार अवसर प्रदान करती हैं।
मार्च 2008 में टाटा ने द्वितीय करियर प्रशिक्षण कार्यक्रम लॉन्च किया था। यह उन व्यवसायिक/पेशेवर (प्रोफेशनल) महिलाओं के लिये बनाया गया करियर परिवर्तन प्रबंधन कार्यक्रम है जो किसी कारणवश छह माह या उससे अधिक का विराम ले चुकी हैं और फिर से अपने व्यवसायिक स्थान पर लौटना चाहती हैं। यह कार्यक्रम इस तरह की महिलाओं को टाटा समूह की विभिन्न कंपनियों के साथ लचीले घंटे (फ्लैक्सी आॅवर) कार्य करने का शानदार अवसर प्रदान करता है। यह कार्यक्रम विराम पर चल रही महिलाओं को करियर की दूसरी पारी की शुरूआत करने के लिये आदर्श अवसर प्रदान करता है।
आईबीएम के ‘उसे वापस लाओ कार्यक्रम’ का उद्देश्य उन महिलाओं को आकर्षित करना है जिन्होंने किसी कारणवश करियर के बीच में ही विश्राम ले लिया है। अपेक्षित कौशल दक्षता के साथ कोई भी पेशेवर/प्रोफेशनल महिला इस कार्यक्रम के लिये आवेदन कर सकती है। अधिकतम तीन साल के व्यक्तिगत विश्राम के साथ कोई भी महिला इस कार्यक्रम की पात्र बन सकती है जिसमे चुनौतीपूर्ण उच्च-स्तरीय परियोजनाओं को लेकर 12 सप्ताह का प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है।
करियर 2.0 गोदरेज द्वारा की गयी एक शुरूआत है जो एक करियर विराम के बाद महिलाओं को काम पर लौटने में मदद करता है। इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिये इच्छुक महिला को कम से कम दो साल कार्य करने का पूर्व अनुभव होना जरूरी है। यह कार्यक्रम महिलाओं को 3 से 6 माह के लिये गतिशील व्यवसायिक परियोजना में पूर्णकालिक या अंशकालिक आधार पर कार्य करने का अवसर प्रदान करता है। कार्य करने का वेतन/वजीफा परियोजना की प्रवृति के आधार पर दिया जाता है।
एचयूएल का करियर बाय च्वॉइस कार्यक्रम महिलाओं को करियर में आये विराम के बाद कारपोरेट जगत में वापस लाने में मदद करने के लिये एक व्यापक परिवर्तन कार्यक्रम की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। गोदरेज के करियर 2.0 की तरह, इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिये आपको कम से कम दो साल कार्य करने का अनुभव होना आवश्यक है। इस कार्यक्रम के अर्न्तगत महिलाएं परियोजना मार्गदर्शक के साथ गतिशील परियोजनाओं पर कार्य कर सकती हैं। घर से कार्य करने के विकल्प के साथ महिलाओं के कार्य करने के समय को भी लचीला (फ्लैक्सी) रखा जाता है ताकि महिला अपनी सुविधा के अनुसार कार्य कर सके।
खेल में वापसी (बैक इन द गेम) (बीआईजी) फिलिप्स इंडिया द्वारा हाल ही में लांच की गयी एक अनूठी पहल है, जो करियर में आये विराम (जीवन शैली, व्यक्तिगत या किसी अन्य वजह के कारण) के बाद कारपोरेट करियर में वापस लौटने की इच्छुक प्रतिभाशाली महिलाओं को फिलिप्स में एक मंच प्रदान करता है। जब यह प्रशिक्षु महिलाएं फिलिप्स में अपना करियर फिर से शुरू करती हैं तब यह प्रशिक्षण (इंटर्नशिप) कार्यक्रम उनको आवश्यक मार्गदर्शन और लचीला माहौल प्रदान करता है।
इंटेल इंडिया द्वारा अपनी तरह की एक पहल ‘घर से कार्यालय (होम टू आॅफिस) या एच 20’ की शुरूआत की है जो परिवारिक या व्यक्तिगत आवश्यकताओं के कारण विराम लेने वाली महिलाओं को कार्य पर वापस लाने में मदद करता है। एच 20 के साथ कार्य पर वापसी करने का वर्णन करने वाली इन दो महिलाओं की कहानी को देखें :
जीई के जॉन एफ वेल्च टेक्नोलॉजी सेंटर, बंगलूरू में चल रहा पुन: आरंभ कार्यक्रम, एक ऐसा कार्यक्रम है जो विशेष रूप से उन महिला वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को काम पर रखने पर केंद्रित है जिन्होंने किसी कारणवश करियर विराम लिया था और अब वह काम पर वापस आना चाहती हैं।
2014 में, एक्सिस बैंक ने फिर से जुड़िये कार्यक्रम शुरू किया था। यह कार्यक्रम चुनिंदा राज्यों में उन महिला कर्मचारियों को नौकरी देने की पेशकश करता है जिन्होंने पिछले दस वर्षों के दौरान प्रणाली (सिस्टम) को छोड़ दिया था।