कुछ महीने पहले की बात है शालू की मौसी सास सविता, कनाडा से किसी पारिवारिक विवाह में आई हुई थी। वहाँ शालू की मुलाकात पहली बार उनसे हुई और मिलते ही वह उनके व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित हुई। वह 58 वर्ष की उम्र में भी इतनी फिट थीं कि शालू को उनका स्वभाव बहुत पसंद आया। मौसी जी बहुत एक्टिव रहतीं, चुलबुली सी बातें करतीं और सबके आकर्षण का केंद्र बनी रहतीं (Pet ka motapa kaise kam kare)। वह उनका पेट देखकर सोचती कि अपना पेट कम कैसे करे?
शादी के तमाम कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति से रोमांच आ जाता। अब तो शालू उनमें ओर दिलचस्पी लेने लगी और वह हर समय मौसी जी को नोटिस करने की कोशिश करती कि आखिर ये खुद को मेन्टेन रखतीं कैसे हैं (Pet ki Charbi kaise kam kare)?
उसने देखा कि महफ़िल में मस्ती मज़ाक करते हुए अचानक ही मौसी जी गायब हो जाया करतीं। शालू ने पाया कि मौसी जी कुछ कुछ देर में बाहर सीढ़ियों पर 2-3 बार ऊपर नीचे चढ़-उतर कर अपनी एक्स्ट्रा कैलोरीज़ बर्न कर लेती।
स्वभाविक था कि वह परदेश में अलग तरह के खान पान की आदि थीं और हमारे देश में तो ख़ुशी का मतलब ही शानदार खाना होता है, ऐसे में मौसी जी सबकी मनुहार के चलते कुछ न कुछ तला भुना या मीठा खा तो लेतीं और बाद में अतिरिक्त कैलोरीज बर्न करने के लिए वर्क-आउट करतीं (Pet ki Charbi kam karne ke upay in Hindi)।
मौसी जी शालू की मनोस्थिती समझ रहीं थी, तब एक शाम उन्होंने शालू से आमने-सामने बात की और बड़े ही प्यार से शालू को अपनी जीवन शैली समझाते हुए (Pet kam karne ke upay) कहा की, "माना हम महिलाएं बहुत सारे रिश्ते निभाने और उनकी जिम्मेदारियों को निभाने में व्यस्त रहती हैं, पर यदी हम खुद ही स्वस्थ नहीं रहेगी तो बाकी सबको कैसे संभालेंगी।"
बात मात्र यही है कि, हम लोग अपने आपको बहुत नज़र अंदाज़ करती हैं और सबका मन रखने के चक्कर में खुद ही अनजाने में ही सही पर मोटापे और उससे जुड़ी परेशानियों को निमंत्रण दे बैठतीं हैं।
अरे भाई! शरीर की बनावट कोई हीन भावना की बात नहीं परंतु शरीर का स्वस्थ और सुडौल होना भी तो सबसे जरूरी है ताकि हम जीवन भर अपने शरीर का भरपूर आनंद उठा सकें। चर्बी घटाने के कई तरीके होते हैं।
हमारी बॉडी में सबसे ज्यादा और सबसे पहले फैट पेट और कमर पर ही जमा होता है और इस चर्बी के कारण बॉडी की इंटरनल एक्टिविटी धीरे हो जाती हैं और कई तरह की बीमारियां होने की आशंका भी बढ़ जाती है। वैसे तो मोटापा विशेष कर पेट की चर्बी के कई कारण हो सकते है, पर महिलाओं में ज़्यादातर ये गर्भावस्था और प्रसव के बाद ज़्यादा देखने को मिलता है। इसके अलावा हार्मोनल बदलाव और मानसिक असंतुलन भी शारीरिक बेडोलता का कारण बन जाते हैं।
इस लेख में हम ऐसी छोटी-छोटी बातों पर गौर करते हैं जिनको शायद हम अमूमन नज़र अंदाज़ कर देते है।
अपना रखें ख़ास ख्याल, बदले अपनी चंद आदतों को एक बार (Fat kam karne ka tarika)
मोटापा कोई दोष नहीं बल्कि एक अवस्था है जिसे प्रयास द्वारा काबू किया जा सकता है। अक्सर हम अपने आपको बहुत हल्के में लेते हैं और इन्ही के चलते शरीर की आवश्यकताओं को नज़र अंदाज़ करते रहते हैं, परिणामस्वरूप शरीर असंतुलित सा लगने लगता है।
हम महिलाओं के साथ यही सबसे बड़ी समस्या है कि हम अपने आपको छोड़ कर परिवार और दुनिया के बारे में सोचती हैं। खुद को प्यार करने का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि आप स्वार्थी हो गए हैं। अपने आपको भूल कर सभी की सेवा करते रहना भी तो खुद के प्रति नाइंसाफी ही है न। ये उदाहरण हर जगह दिया जाता है कि यदि आपको सबकी सेवा या मदद करनी है तो सबसे पहले खुद को सुरक्षित रखना होगा, जैसे हवाई जहाज़ में भी निर्देश दिए जाते हैं पहले सेफ्टी जैकेट आप खुद पहने ताकि आप औरों की मदद कर पाएँ।
पतले होने के जुनून में सबसे पहले लोग खाना छोड़ने के बारे में सोचते हैं पर सोचने वाली बात यह है कि यदि खाना ही छोड़ देंगी तो मोटापा कम हो या न भी हो पर शारीरिक कमज़ोरी आपको सामान्य दिनचर्या के काम भी सुचारु रूप से नहीं करने देंगी। शरीर के पोषक की तत्वों आवश्यकता को भूखे रह कर पूरा नहीं किया जा सकता है।
ब्रेकफास्ट छोड़ने से भूख ज्यादा लगती है जिससे वजन बढ़ता है। ओटमील, दलिया जैसे हाई प्रोटीन वाला ब्रेकफास्ट पेट का फैट घटाने में मददगार रहता है।
हमारे शरीर की रचना के साथ-साथ ईश्वर ने हमारी मानसिक रचना भी बड़ी कमाल की की है जैसे दिन काम के लिए ऊर्जा और हिम्मत का कारण है उसी प्रकार रात शांति, आराम और गहरी नींद लेने का समय है। जब हमारी नींद पूरी नहीं होती तो दिमाग में अशांति बनी रहती है। आप महसूस करेंगी कि इस अशांति के कारण आपको बेहिसाब भूख लगती रहती है। ऐसा इमोशनल इम्बैलेंस के कारण होता है। इसलिए अपनी नींद अवश्य पूरी करें।
जीवन अच्छे बुरे अनुभवों का अनूठा तालमेल है आपको बस इस बात का ख्याल रखना है कि जिन मामलों में आप कुछ नहीं कर सकते उनके बारे में व्यर्थ चिंता करना बंद करना होगा। तनाव से न सिर्फ मानसिक बल्कि शारीरिक नुकसान भी बहुत होता है। असल में तनाव के दौरान ध्यान केंद्रित न रहने से हाई कैलोरी की चीजें भी बेझिझक खाई जाती हैं या बहुत बार हम खाना ही भूल जाते हैं। इससे शरीर की मेटाबोलिक प्रक्रिया में बाधा आने लगती है। तनाव के दौरान एड्रेनल ग्रंथि (adrenal gland) जो कि किडनी के ऊपर होती है, कार्टिसोल (cortisol) नामक हारमोन यहाँ से ही प्राप्त होता है। इस हारमोन के गुण तनाव की तीव्रता को और बढ़ा देते हैं और भूख भी बहुत लगती है। तो बेहतर होगा कि तनाव को बाय कह दिया जाए।
खाना खाने के आधा घंटा पहले और बाद में एक गिलास गुनगुने पानी को पीने से पेट की चर्बी कम करने में मदद मिलती है। इसके पीछे ये तर्क दिया जाता है कि गुनगुना या गर्म पानी शरीर के विषैले तत्वों (toxic elements) को बाहर निकाल देता है। इससे शरीर की गंदगी को साफ करने की प्रक्रिया तेज हो जाती है और किडनी के माध्यम से ये गंदगी बाहर निकल जाती है।
अपनी डाइट में शामिल करें-
#1. प्रोटीन
सोयाबीन, सूखे मेवे जैसी चीज़ों में प्रोटीन होता है, इन्हें खाने से जल्दी-जल्दी भूख नहीं लगती और कैलोरी का उपभोग कम रहता है। इसलिए पेट के पास चर्बी जमा नहीं होती।
#2. फाइबर
अपनी डाइट में फाइबर वाली चीज़ों को जोड़ें। फलियां, साबुत अनाज, मटर, पत्ता गोभी, राजमा, सब्ज़ियां, साबुत दालें और फलों जैसी चीजों में फाइबर ज्यादा होता है। इनसे डाइजेशन भी ठीक रहता है और पेट के आसपास फैट जमा नहीं होता।
अपनी डाइट से त्याग दीजिये ये सफ़ेद चीज़ें
#1. चीनी
आम तौर पर सुनते हैं कि चीनी मीठा और धीमा ज़हर होती है। चीनी में पाए जाने वाले तत्व हमारे शरीर में जम जाते हैं और अलग-अलग जगह पर मोटापे का रूप लेते रहते हैं, खास तौर पर पेट के चारों ओर। चीनी को पचाने में हमारे मेटाबोलिक सिस्टम को बहुत मेहनत करनी पड़ती है फिर भी ये पूरी तरह से पचती नहीं बल्कि एसिड के रूप में एकत्रित होकर शरीर को नुकसान के सिवा और कुछ नहीं देती। बेहतर यही है कि इस मीठे ज़हर को अपनी डाइट में से निकालकर फेंक दे।
#2. चिकनाई
हर किस्म के रिफाइंड ऑयल्स, घी या मक्खन शरीर को तुरंत शक्ति देने और खाने को बढ़िया स्वाद देने में सहायक होते हैं। पर इनका अधिक सेवन चर्बी बढ़ाने और उसे शरीर में जमा कर मोटापा बढ़ाने का काम भी बखूबी करते हैं। तो चिकनाई उतनी ही लें जितनी आपके शारीरिक विकास के लिए आवश्यक है।
#3. नमक
नमक हमारे खाने का अभिन्न हिस्सा ज़रूर है पर नमक में पानी को सोंखने का गुण है। इसलिए नमक के अधिक सेवन से शरीर में पानी रुकने लगता है और जितना पानी शरीर से बाहर निकल जाना चाहिए उतना न निकल कर शरीर में ही अंदर ठहर जाता है और हम मोटापा महसूस करने लगते हैं।
#4. चावल
चावल में फाइबर की मात्रा बहुत कम होती है। वरना यूं देखा जाए तो चावल में कार्बोहाइड्रेट प्रचार मात्रा में होती है जिसके कारण पेट जल्दी भरता है और फिर जल्दी फिर से भूख भी लग जाती है। यही कारण है कि चावल खाने के बाद भी तृप्ति ना होने से हम जरूरत से अधिक भोजन का सेवन करते हैं। इसलिए यदि शरीर से चर्बी दूर करने की कोशिश कर रहे हैं तो चावल को अपनी डाइट से निकाल ही दें।
#5. आटा
गेहूं के आटे में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन दोनों ही बहुत अच्छी मात्रा में होता है। इसीलिए खाने के बाद संतुष्टि महसूस होती है और पेट भरा रहता है पर यदि हम गेहूं के आटे के बजाय मल्टीग्रेन आटा का प्रयोग करें तो सभी प्रकार के अनाज का प्रोटीन भी प्राप्त होगा और भरपूर मात्रा में फाइबर मिलने से कम मात्रा में खाने पर भी दोबारा भूख नहीं लगेगी।
#6. मैदा
मैदा गेहूं के आटे का चिकना स्वरूप है। इसका सेवन शरीर के लिए बहुत नुकसानदायक होता है क्योंकि मैदा शरीर में जाकर आंतों में चिपक जाता है और पाचन प्रक्रिया में बाधा पैदा करता है। इसी कारण शरीर को भारीपन एवं अपेक्षित खाने की वजह से होने वाले शारीरिक नुकसान को भी भोगना पड़ता है। इसलिए सबसे पहले मैदा को अपनी डाइट में से निकाल बाहर फेंकें और अपने शरीर को हल्का रखने की कोशिश कीजिए।
नोट: उपरोक्त सफेद चीजों में, नमक को छोड़कर बाकी सभी में कार्बोहाइड्रेट का बहुत अच्छा स्रोत है तो आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि यदि आपको पेट की चर्बी कम करनी है तो आपको अपनी डाइट में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम ही रखनी होगी।
शुरुआत कैसे करें
सबसे पहले स्वयं को तैयार करें कि मुझे फिट होना है और मोटापा को दूर करना है। उसके बाद अपनी दिनचर्या में से कुछ वक्त व्यायाम के लिए तय कीजिए और पहले 1-3 दिनों तक बॉडी की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने के लिए हल्की फुल्की वार्म-अप एक्सरसाइज़ कीजिए। इससे बॉडी फ्लेक्सिबल होकर आगे की एक्सरसाइज के लिए तैयार होने लगेगी। फिर 3-6 दिन तक स्टेमिना बढ़ाने पर गौर करें और धीरे-धीरे एक्सरसाइज का समय बढ़ाते हुए बॉडी से कुछ मुश्किल एक्सरसाइज करवाने की कोशिश करें।
#1. ब्रिस्क वाकिंग / Brisk walking
पेट की चर्बी दूर भगाने के लिए ब्रिस्क वाकिंग अच्छा विकल्प है। यह किसी भी उम्र में किया जाने वाला व्यायाम है। इसे आप सुबह या शाम कर सकते हैं पर याद रहे कि ब्रिस्क वाकिंग शुरू करने से पहले और बाद में करीब 1 घंटे तक कुछ ना खाया जाए।
#2. जॉगिंग और रनिंग / Jogging & Running
जॉगिंग और रनिंग उन लोगों के लिए संभव है जिन्हें जोड़ों के दर्द की समस्या ना हो, यहां तक कि सांस लेने में भी तकलीफ़ ना हो। अगर उनमें ताकत है तो चर्बी को गलाने का सबसे बेहतरीन विकल्प है रनिंग।
#3. स्विमिंग / Swimming
तैराकी उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है जो इसका शौक रखते हैं। शरीर की चर्बी गलाने और शरीर को शेप में बनाए रखने के लिए यह एक बेहतरीन एक्सरसाइज है। इसके बाद आप ताजा भी महसूस करते हैं।
#4. साइकलिंग / Cycling
यह एक संपूर्ण व्यायाम है, रोज करीब आधा घंटा साइकलिंग करने से शरीर के सभी अंगों की एक्सरसाइज हो जाती है। साइकलिंग करने से बहुत पसीना आता है और वही हमारी अतिरिक्त कैलोरीज बर्न होने का संकेत है।
पेट की चर्बी कम कैसे करे योग से? (Pet ki Charbi kam karne ke liye Yoga)
एक्सरसाइज़ और योग करने से शरीर को गति मिलती है, जोड़ों में लचीलापन आता है और शरीर में गर्मी आने से अतिरिक्त चर्बी गलने में मदद मिलती है। आइये देखते हैं कुछ सामान्य एक्सरसाइज़ और योग आसन।
किसी भी एक्सरसाइज़ और योग करने से पहले यदि प्राणायाम किया जाये तो शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीज़न मिल जायेगी और आप न केवल आगामी व्यायामों के लिए तैयार हो जाएंगे बल्कि प्राणवायु के संपर्क में आने से आपका मन शांत और शरीर में ऊर्जा आ जाएगी।
कुछ सामान्य प्राणायाम जैसे भ्रस्तिका प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, कपालभाति, भ्रामरी आदि का अभ्यास कर सकतीं हैं।
#1. सिंगल और डबल लेग स्ट्रेच
इस व्यायाम को करने के लिए एक समतल सतह पर पीठ के बल लेट जाएं फिर अपने दोनों पैर ऊपर उठाए, अब बायें पैर को घुटने से मोड़कर हाथों से जकड़ लें। 5 सेकंड बाद पैर सीधा कर लें। फिर यही प्रक्रिया को दायें पैर के साथ भी करें। 10-12 बार दोहराए। इसी प्रकार डबल लेग स्ट्रेच के लिए पीठ के बल पर लेटकर दोनों पैर ऊपर उठाए, फिर दोनों पैरों को एक साथ घुटनों से मोड़ें, करीब 5 सेकंड तक हाथों से पैरों को जकड़ कर रखें। पैरों को वापस सीधा करें। 10-12 बार दोहराए।
#2. लेग ड्राप
यह व्यायाम सारे शरीर को स्ट्रेच करने में सहायक है और इससे पेट के निचले हिस्से और लेग्स की मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है। पीठ के बल लेटकर पैरों को धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठाकर सीधा कर लें और कुछ देर इसी अवस्था में रुके। फिर पैरों को नीचे लाकर 45 डिग्री का कोण बनाते हुए रुक जाएं। इस व्यायाम को भी कम से कम 10-12 बार दोहराए।
#3. साइकिल क्रंच
यह पेट की मांसपेशियों को सुडौलता और मज़बूती देने में बहुत मददगार साबित होती है। इस व्यायाम को करने के लिए एक समतल सतह पर पीठ के बल लेट जाएं, हाथों को सिर के नीचे लगाकर पैरों से हवा में साइकिल चलाएं। इसके साथ कोहनी से घुटनों को छूने की कोशिश करें। 10-12 बार दोहराए।
#4. धनुर आसन
इस योगासन को करने के लिए किसी समतल स्थान पर पेट के बल लेट जाइये और पीछे की ओर अपनी दोनों टांगों को उठाते हुए कुछ इस तरह मोड़िये कि आप अपने पैरों को अपने हाथों से पकड़ पाएं और सारे शरीर का भार पेट पर आ जाये और आपका आकार कुछ सेकेंड के लिए धनुष के जैसा बन जाये। इस आसान को 4 -5 बार दोहराए।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दिए गए सुझाव व्यक्तिगत अनुभवों से एकत्रित किये गए हैं। यदि आपको किसी भी प्रकार की मेडिकल मदद की जरूरत हो तो कृपया अपने डॉक्टर से सुझाव लेकर ही फॉलो करें। व्यायाम करने में समस्या आ रही हो तो एक्सरसाइज़ और योगा विशेषज्ञ से पूछ लें।
पढ़ें हमारे और दूसरे हिंदी लेख -