दिल्ली, बंगलुरू और गुड़गांव में रहने वाले लोगों के लिये एक क्युएटेड सांस्कृतिक और जीवन शैली की मार्गदर्शिका लिटिल ब्लैक बुक (एलबीबी) की संस्थापक सुचिता सालावान ने हमें बताया कि इस काम को करने के लिये उन्हें किसने प्रेरित किया और अब वह इस कार्य को किन ऊंचाइयों तक ले जाने की उम्मीद करती हैं।
मैंने 2012 में एलबीबी की शुरूआत उस दौरान की जब मैं बीबीसी के साथ काम कर रही थी। एक युवा, एक अच्छी तनख्वाह पर काम करने वाले व्यक्ति के रूप में, मैने इस बात को समझा कि दिल्ली में होने वाली चीजों/बातों के बारे में जानकारी हासिल करना बेहद मुश्किल था। सूचियों को नियमित रूप से अपडेट और क्रियाशील नहीं किया जाता था जिसके कारण वह बेहद बोरिंग थीं। मेरे लिये, एलबीबी, दिल्ली में रहने के दौरान जिन चीजों को मैं ढूंढना पसंद करती थी उन सभी बातों का डॉक्यूमेंटेशन (दस्तावेजीकरण) करने का एक तरीका था। मुझे आशा थी की जिन अदभुत बातों को मैने खोजा है उनके माध्यम से मैं लोगों को प्रेरित कर सकूंगी। और लोग मेरी सलाह पर अमल करते हुए बाहर निकलेंगे और दिल्ली को खोजेंगे।
अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन करने के बाद मैंने राष्टÑमंडल खेलों के उद्घाटन और समापन समारोह में विजक्राफ्ट के साथ काम किया। इस काम के दौरान मैंने लगभग 14,000 लोगों के लिये व्यवस्था की, जिससे मुझे काफी बेहतर बातें सीखने को मिलीं। किसी बडेÞ आयोजन पर कार्य करने से यह समझ आता है कि एक उपभोक्ता से वाह कहलाने, उन्हें ऐसे अनुभव का अहसास कराने के लिये जैसा उन्होंने पहले कभी नहीं किया हो, के लिये आपको क्या करना होगा। विजक्राफ्ट में कार्य करने के बाद मैं बीबीसी के दो सदस्यीय विपणन विभाग (मेरे बॉस और मैं) में काम करना शुरू किया। इस असाधारण नौकरी ने मुझे इस बात को बेहतर तरीके से समझाया कि प्रगति का महत्व क्या होता है और किस प्रकार बेहतर निर्णाण/ कंटेंट के जरिये एक लंबा रास्ता तय किया जा सकता है। सन 2012 के आखिर में मैंने बीबीसी को छोड़ दिया और पूरी तरह से एलबीबी में कार्य करना शुरू कर दिया।
यात्रा बेहद फायदेमंद रही है, व्यक्तिगत रूप से भी। एलबीबी ने मुझे व्यापार करने का अवसर देने के साथ ही, एक महान सह- संस्थापक की खोज करने, सर्वश्रेष्ठ फरिश्ते समान निवेशकों, सलाहकारों और उद्यमियों का एक नेटवर्क भी बनाया जिनसे मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला। एक टीम के रूप में हम पाठकों की महत्वपूर्ण प्रतिक्रियाओं को ध्यानपूर्वक सुनते हैं। खासकर ऐप के लिये हम छोटे-छोटे कंटेंट के व्याप्क संग्रह को पाने के लिये कड़ी मेहनत करते हैं और अपने उपभोक्ताओं के लिये इनका प्रयोग करना आसान बनाते हैं। एलबीबी पर मिलने वाले शानदार स्थानों/ स्टोर्स/ रेस्टारेंट के बारे में उपभोक्ता की राय को सुनना सबसे अच्छा लगता है। बेशक, विज्ञापन दर का 70% अर्न्तगामी (इनबाउंड) होना और हमारे 60% विज्ञापनदाताओं का फिर से हमारे पास आना इस बात को जाहिर करता है कि हम ब्रांडों के लिये काम करते हुए उनकी प्रगति पर अच्छा प्रभाव डालने में कामयाब है।
काम की शुरूआत के पहले दो साल (2013 और 2014) हमारे लिये बेहद मुश्किल थे। क्योंकि उस दौरान हम बूटस्ट्रैपिंग (स्टार्टअप के दौरान आॅपरेटिंग सिस्टम आरंभ करना) कर रहे थे और हमें कम आय और निवेश मिल रहा था। लेकिन उस दौरान हमने कंटेंट और डिजिटल बिजनेस के बारे में काफी कुछ सीखा जो बेमिसाल था। उपभोक्ता के किसी भी ब्रांड से ब्रांड तक पहुंचने के दौरान आने वाले गैप का समझने के लिये मैंने दिल्ली के छोटे और मध्यम स्तर के उद्यमों के बीच काफी समय बिताया। उपभोक्ताओं की रूचि और ब्रांड की पहुंच के दोतरफा पक्षों को भली-भांति समझने से हमेंं अपने प्रोडक्ट का निर्माण करने में काफी मदद मिली।
हम चाहते हैं कि वैश्विक स्तर पर शहरी उपभोक्ता यह निधारित करें कि लिटिल ब्लैक बुक के साथ और क्या किया जा सकता है। एलबीबी की शुरूआत से ही हमने एक ऐसा मंच बनाने का प्रयास किया है जो कम खोज में भी आपको अधिक और बेहतर परिणाम दे सके। सन 2016 के प्रथम तिमाही से हम जिन प्रमुख विशेषताओं को लेकर चल रहे हैं उनमे निजीकरण (इसलिये प्रत्येक उपयोगकर्ता के पास एक उसकी रूचियों से जुड़ी अनूठी जानकारी है), एलबीबी में और अधिक योगदानकर्ताओं को जोड़ना ताकि आप एक्सेस करने के लिये और अधिक कंटेंट पा सकें और उपभोग लूप को बंद करना ताकि आपको ‘करने के लिये’तक पहुंचने के लिये अधिक पृष्ठों पर जाने की आवश्यकता न हो, शामिल है।
बेशक हम चाहते हैं कि भारत के हर प्रमुख शहर की एक लिटिल ब्लैक बुक हो और आने वाले साल के अंत तक आप हमें मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, बंगलुरू, दिल्ली और गुड़गांव में देखेंगे।
मुझे लगता है कि बड़े अंतर यह हैं:
ए. हमारा कंटेंट को टेक्नोलॉजी का समर्थन मिलता है। हमारा मानना है कि किसी भी उत्पाद और व्यवसाय के विकास में तकनीक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पिछले छह माह के दौरान हम इस क्षेत्र मेंं तेजी से आगे बढेÞ हैंं और इसका बड़ा कारण है कि हमने अपने कंटेंट सोर्स और ब्रांड आउटरीच को टेक्नोलॉजी के साथ इंटीग्रेड कर लिया है।
बी। एलबीबी केवल कहां खाना है या किस आयोजन में भाग लेना है के बारे में है, हम ‘थिंग्स टू डू’ को समग्र रूप से शामिल करते हैं। हम जीवनशैली, खरीदारी, गतिविधियों, यात्रा और अन्य को शामिल करने वाली श्रेणी के रूप में ‘थिंग्स टू डू’ को देखते हैं। जैसे की हम उपयोगकर्ताओं को यह तय करने में मदद करते हैं कि उन्हें अपनी रूचियों के क्षेत्र में क्या करना चाहिये, यही कारण है कि उपयोगकर्ता हमारे पास बार-बार लौट कर आते हैं।
हमेशा ऐसे लोगों के साथ रहें जो आपसे अधिक होशियार हैं, या फिर आपके लिय उचित कार्यक्षेत्र में विशेषज्ञ हों। यह कोई और लोगों द्वारा दी गयी शिक्षा की तरह नहीं है, यह सबसे अच्छी बात है जिसे मैने खुद के लिये किया है।