कसोल हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित पार्वती नदी के किनारे एक छोटा सा शहर (Kasol me Ghumne ki Jagah) है जो अपनी सुंदरता के कारण पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र है। इस खूबसूरत जगह पर लोग अपने लवर या दोस्तों के साथ जाना पसंद करते है। यह कुल्लू से 40 किलोमीटर दूर भुंतर से मणिकरण के बीच में पड़ता है। कसोल को भारत का छोटा इजराइल (Kasol Places to Visit in Hindi) भी कहा जाता है क्योंकि यहां बहुत से इजराइली लोग भी रहते है। यह एक तरह से हिप्पी स्टेशन है।
अगर आप भी कसोल ट्रिप (Kasol Trip In Hindi) पर जाने का सोच रहे है तो आज हम आपको कसोल में कहाँ-कहाँ घूमना चाहिए, वहा कैसे जाया जाये, क्या-क्या लेकर जाये, किस मौसम में जाये, कहाँ रुके, इत्यादि सब विस्तार से बताएँगे ताकि यह ट्रिप सिर्फ एक ट्रिप ना रहकर आपके लिए एक यादगार लम्हें बन जाये।
सबसे पहले बात आती हैं कसोल पहुँचने की। ज्यादातर लोग दिल्ली (Delhi to Kasol), चंडीगढ़ (Chandigarh to Kasol) या फिर मनाली से कसोल (Manali to Kasol) जाने का पूछते हैं। आज हम आपको कसोल पहुँचने के तीनो रास्तें ट्रेन, प्लेन व बस का बताएँगे।
अगर आप दिल्ली या चंडीगढ़ के आसपास रहते है तो आपको आसानी से वॉल्वो या अन्य बसें मिल जाएगी जिनका किराया 500 से शुरू होकर बस की सुविधा के अनुसार बढ़ता है। आप कोई भी कुल्लू मनाली जाने वाली बस पकड़ ले और भुंतर उतर जाएँ। वहां से आपको हिमाचल परिवहन की बस मिल जाएगी जो आपको 1 घंटे के अंदर कसोल पहुंचा देगी।
अगर आप ट्रेन से कसोल जाने का सोच रहे है तो कसोल के सबसे पास का रेलवे स्टेशन पठानकोट है लेकिन चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर उतरकर वहां से बस लेना आपके लिए ज्यादा सही रहेगा।
हवाईजहाज से कसोल जाने के लिए आप भुंतर के एअरपोर्ट पर उतरें जिसे कुल्लू एअरपोर्ट भी कहते हैं और वहां से लोकल बस या टैक्सी करके आप कसोल पहुँच सकते है।
वैसे तो पूरे साल कसोल घूमने जाया जा सकता है लेकिन हम आपको यहां महीने दर महीने के हिसाब से बताते है। कसोल में सबसे ज्यादा लोग मई से जुलाई के बीच में आते है और इस दौरान यहां का मौसम भी सामान्य रहता है। इन महीनों में कसोल का तापमान 15 से 20 डिग्री सेल्सियस (Kasol Tempature in May to July) के पास रहता है।
अगर आपको ठंडा मौसम पसंद है तो आप अगस्त महीने के आखिर से लेकर नवंबर महीने की शुरुआत के बीच जा सकते है या फिर फरवरी या मार्च के महीने में जा सकते हैं। इस दौरान आपको ठंडी-ठंडी हवा के साथ बर्फ का आनंद मिलेगा। इस मौसम में वहां का तापमान 5 से 10 डिग्री (Kasol Temprature in November and February) रहता है।
नवंबर से जनवरी के महीनों में कसोल में बहुत बर्फ पड़ती है। इस समय तापमान भी -5 डिग्री तक पहुँच जाता है। इस समय आपको ज्यादातर कैफेस भी बंद मिलेंगे। अगर आप वहां खाली एकांत में समय बिताना चाहते हैं तो आप इन महीनों में जा सकते हैं।
पिट्ठू बैग
जैकेट
ट्रैकिंग जूते
ब्लूटूथ स्पीकर
फर्स्ट एड बॉक्स
हाइक पोल
कैश
पेनकिलर
रेनकोट
एनर्जी बार्स
हैंड सैनीटाइज़र
जब आप भुंतर से कसोल पहुंचेंगे तो आपको पार्वती नदी दिखेगी। यहां आप शाम के समय रिलैक्स करने जा सकते है और साथ ही आसपास मौजूद पहाड़, ठंडी-ठंडी हवा, लहरों की आवाज़ और शांत वातावरण में नदी किनारे पैदल चलना आपका दिन और मजेदार बना देगा।
इस हिप्पी जगह पर भी आपको कसोल से 5 किलोमीटर दूर धार्मिक जगह के दर्शन होंगे। आपको यह जानकर हैरानी होगी लेकिन इस ठंडी जगह पर भी मणिकरण गुरूद्वारे में आपको गर्म पानी का झरना दिखेगा। कसोल से तोष जाते हुए यह गुरुद्वारा बीच में पड़ता है इसलिये यहां जाना ना भूले।
मणिकरण से तोष लगभग 15 किलोमीटर दूर है जहां आप कैब्स या ट्रैकिंग करते हुए जा सकते है लेकिन सबसे बेस्ट ट्रेक करते हुए जाना है। ट्रैकिंग में आपको बीच में कई गाँव और कैफेस दिखाई देंगे। तोष के आसपास बर्फ से ढकी हुई पहाड़ियां है जहां आप प्रकृति का आनंद उठा सकते हैं।
मलाना कसोल के पास स्थित एक छोटा सा गाँव है जहां के लोग खुद को महान सिकंदर के वंशज मानते है इसलिये इसे भारत का छोटा यूनान भी कहा जाता है। यह एक बहुत शांत इलाका है जहां लोकल लोग बाहर के लोगों से ज्यादा बातचीत नही करते हैं।
अगर आप कसोल जा रहे है तो खीर गंगा के ट्रेक पर तो अवश्य जाये। यह करीब 10 किलोमीटर का ट्रेक संकरे रास्तों और जंगलों से होकर गुजरता है जहां आपको बीच-बीच में बहुत खूबसूरत दृश्य दिखाई देंगे। सबसे मुख्य बात कि जब आप सबसे ऊपर पहुंचेगे तब आपको वहां उस ठंडे मौसम में भी गर्म पानी का झरना मिलेगा जहां आप नहाने का आनंद भी उठा सकते हैं।
कसोल से 50 किलोमीटर दूर स्थित तीर्थन वैली अपनी शांति के लिए जानी जाती है। यहाँ पर आप बॉनफायर, फिशिंग, कैंपिंग, आसमान में उड़ते पंछियों को देख सकते हो। इसको हिमाचल में भगवान की धरती भी कहा जाता है।
कसोल से 30 मिनट की ट्रैकिंग करके आप चलल गाँव पहुँच सकते है जो पार्वती नदी के किनारे स्थित है। इस छोटी सी जगह पर आपको प्रकृति की खूबसूरती दिखाई देगी। यहाँ आप इजराइली संस्कृति के साथ-साथ उनके कैफेस का मजा ले सकते हैं।
कसोल से 16 किलोमीटर दूर स्थित इस गाँव में आप खुले आसमान में जंगलो का आनंद ले सकते है। यहाँ पर आपको बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी प्रकृति का आनंद उठाते हुए मिलेंगे। यहाँ के चाय के बागान भी प्रसिद्ध हैं।
कसोल से 30 किलोमीटर दूर इस बस्ती में आप अपने वाहन में जा सकते है। यह घने जंगलो से घिरा हुआ है जहां आप संकरे रास्तों से होकर गुजरते है। यह भी एक शांत इलाकों में से एक हैं।
यहाँ सिर्फ ट्रेक करके ही पहुंचा जा सकता है जिसमे 3 से 4 घंटे लगते हैं। यहाँ पहुँचने के लिए आपको सीधी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। रसोल के रास्ते में आपको कई चट्टानों और पेड़ो पर यहाँ तक पहुँचने के लिए साईन बोर्ड मिल जायेंगे।
अगर कसोल की पार्टीज की बात की जाये तो वहां म्यूजिक, स्मोक और लाइट्स तीनो चीज़े मिलेंगी। यहाँ पर कई तरह की पार्टीज होती है जिनमें मई जून के महीनों में बहुत पार्टीज होती है क्योंकि उस समय यहां का मौसम सही रहता है। आप यहां पर दिसंबर के महीने में नए साल के म्यूजिक फेस्टिवल्स में भी जा सकते है।
इस समय आपको बहुत जगह पर रेव पार्टीज मिलेंगी लेकिन आप मेन कसोल की बजाये जंगलों के अंदर होने वाली पार्टीज में जायेंगे तो बेस्ट रहेगा। इस पार्टीज की एंट्री फीस भी ज्यादा महँगी ना होकर 1000 से 2000 रुपये तक होती है। अगर आपको और भी साइको पार्टीज में जाना हो तो आप चलल गाँव की पार्टीज में जाये।
अगर आप कसोल जा रहे है तो आपको इसकी चिंता करने की जरुरत नही है। यहाँ पर आपकी सुविधा के अनुसार रुकने की कई जगह है। अगर आप लक्सरी पसंद करते है तो यहाँ पर एक से बढ़कर एक शानदार होटल्स मौजूद है। इसके अलावा आप पार्वती नदी के किनारे के कॉटेज में भी रुक सकते है। अगर आप चाहे तो आप कैंप में भी रुक सकते है। यहाँ पर आप ट्रैकिंग करके खुद का कैंप भी लगा सकते है।
जब भी आप कसोल जाये तो अपने साथ पूरा कैश लेकर जाएँ क्योंकि यहाँ एटीएम बहुत कम है।
अपने साथ एक टोर्च लेकर जाना बिल्कुल ना भूले क्योंकि रात में अगर आप ट्रैकिंग कर रहे है तो यहाँ बहुत अँधेरा हो जाता है।
कोई भी कचरा आप पहाड़ो या नदी में ना फेंके। इससे वहां की प्राकृतिक सुंदरता और कम होती है।
पार्वती नदी सुंदर होने के साथ-साथ खतरनाक भी है। इस नदी पर कई बांध मौजूद हैं जिनसे एक दम से पानी छोड़ा जाता है। इसकी वजह से नदी के पानी का स्तर एक दम से बढ़ जाता है।
कसोल जरूर एक हिप्पी स्टेशन है लेकिन आप उत्सुकतावश हैश अपने साथ लेकर ना जाये क्योंकि कसोल से बाहर निकलने की सिर्फ एक सड़क है जहां पर पुलिस आपका इंतेज़ार कर रही होती है।
ज्यादा स्मार्ट बनने के चक्कर में आप इधर-उधर गुप्त जगहों पर भी इसे ना छुपाये क्योंकि वहां पुलिस भी बहुत तेज़ है और वे यह सब पहले से जानते हैं।
वहां पर आप ज्यादा तेज़ आवाज़ में बात ना करें और ना ही चिल्लाये। कसोल अपनी शांति के लिए पहचाना जाता है।
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