इस गाइड के पहले 4 अध्याय उन महिलाओं के लिए लिखे गए हैं जो हिंसक दुर्व्यवहार का सामना कर रही हैं और विकल्प ढूंढ रही हैं, पर ये जानकारी उनके लिए भी काम की है जो रिश्ते को छोड़ चुकी हैं।
आपको आर्थिक कागज़ात सुरक्षित रखने , खुद की संपत्ति और ऋण का हिसाब और खुद के लिए पैसे कैसे अलग रखे जाएं- इन सब के लिए सुझाव मिलेंगे।
इस गाइड को लिखते समय ये माना गया है की पीड़ित महिला है और हिंसा करने वाला आदमी। हम ये समझते हैं की महिला ही महिला को प्रताड़ित करती हैं, गे और लेस्बियन साथी भी घरेलू हिंसा का शिकार हो सकते हैं और साथी के घर वाले यानी की इन लॉज़ भी प्रताड़ित कर सकते हैं.
इस गाइड में दी गयी जानकारी इन सब स्तिथिओं में भी काम आ सकती हैं।
छोटे छोटे से कदम आर्थिक स्वतंत्रा की तरफ बढ़ने से आपका मनोबल बढ़ाएगा ये मान लेने के लिए की अगर रिश्ते से बहार निकलती हैं तब भी खुद जी सकती हैं। यहाँ दिए गए कदमों में से कुछ तो बहुत आसानी से किए जा सकते हैं और कुछ में बहुत टाइम लगेगा। इस गाइड में दी गयी सुचना से भी ज़्यदा जरुरी ये है की आप और आपके बच्चे सुरक्षित रहने चाइए। अगर, किसी भी समय आप खतरा महसूस करती हैं तो पैसे, अपना सामान या वकील को फ़ोन करने का इंतज़ार ना करें। तुरंत उस जगह और हालत से निकलें, १०० या १०९१ पर फ़ोन करें। शहर के घरेलु हिंसा के लिए बनाई गयी हेल्पलिनेस, दोस्त या रिश्ते दर को फ़ोन करें या फिर बस घर से बहार आ जाएं। बहुत सी संस्थाएं और लोग आपकी मदद करने के लिए तैयार हैं। डॉक्टरी सहायता की जरुरत हो तो १०८ पर एम्बुलेंस सर्विस से मदद लें।
प्रताड़ित करने वाले रिश्ते में हावी होने के लिए अक्सर पैसे पर खुद का नियंत्रण रखते है या पैसे छुपा के रखते हैं। इसे ही आर्थिक प्रताड़ना कहते हैं। खुद से पूछे की क्या इनमें से कोई भी वाक्य आप पर लागू होता है?
� मैं काम करना चाहती हूँ पर वो मुझे इजाज़त नहीं देंगे।
� मैं नौकरी करती हूँ पर मुझे मेरी तन्खा उन्हें देने को कहा जाता है।
� वो पैसे मुझसे से छुपा के रखते हैं।
� मैं पैसे उनसे छुपा के रखती हूँ जिससे अगर में कुछ खरीदूं तो वो गुस्सा ना हो जाएं।
� घर सिर्फ उनके ही नाम है।
� सारे बैंक के कहते सिर्फ उनके नाम हैं।
� अगर मैं कुछ पैसे खर्चे ना करूँ तो शायद वो अच्छे से पेश आएँगे।
� मुझे अपनी हर जरुरत के लिए उनके पास ही जाना होता है, यहाँ तक की खुद के लिए अंडरवियर लेनी हो तो भी।
� वो क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान करते हैं मुझे कैश कभी नहीं देते।
� मुझे नहीं पता वो कितना कमाते हैं ना ही ये पता है की बैंक के खातों में कितना पैसा है।
� मैं कुछ भी खर्च नहीं कर सकती बिना उनके सवालों के जवाब दिए।
� वो मुझसे कागज़ात पे हस्ताक्षर करवाते हैं बिना ये समझाए की उनमें लिखा क्या है।
� उन्होंने मेरे जाली हस्ताक्षर किए हैं किसी कागज़ पर।
� मैं खुद के बैंक के खाते की पास बुक नहीं देख सकती, मुझे नहीं पता वो कहाँ है।
� वो सब बिल मेरे ही नाम बनवाते हैं।
� मेरे खातों के पासवर्ड भी मुझे नहीं पता है, ऑनलाइन सब लें दें वो ही करते हैं।
� उन्होंने काम करना छोड़ दिए है/ मुझे पर अपनी आर्थिक ज़रूरतों के लिए निर्भर हैं पर फिर भी मेरे जीवन पर नियंत्रण रखते हैं।
� जब जब में पैसे मांगती हूँ वो हमेशा मना कर देते हैं।
शुरुआत करते हैं ये समझने से की आर्थिक कागज़ात और अन्य महत्वपूर्ण कागजों को सुरक्षित कैसे रखा जाए, क्यूंकि अगर आप रिश्ते से निकलने की सोचती हैं तो आपके पास ये सब जरुरी जानकारी हो।
अगर आपको लगता है शोषक आपको इस गाइड के साथ देख कर नाखुश होगा तो इस App पर सिक्योरिटी लॉक लगाएं।
रेड क्रॉस सलाह देते हैं- आपातकाल में यदि एक दम से घर छोड़ कर निकलना पड़े जैसे की आग, बाढ़ या कोई भी कुदरती विपदा हो तो उसके लिए हर परिवार के पास एक ऐसा बॉक्स होना चाइए जिसे लेकर तुरंत बहार निकला जा सके। इस बॉक्स में परिवार के ज़रुरी कागज़ों की कॉपियां जैसे की जन्म प्रमाण पत्र, बीमा पॉलिसी, बैंक के खातों के नंबर, इत्यादि होने चाइए।
अपने बॉक्स को इसी तरह का बॉक्स समझें जो आप घरेलू हिंसा के दौरान खुद को बचने के लिए अचानक घर से बहार जाते समय लेकर निकल सकें। जो भी जानकारी आप इस बॉक्स में रखेंगी वो आपको जिंदगी को फिर से पटरी पर लाने में मदद करेगी जब आप प्रताड़ना भरे जीवन से बाहर आएँगी। निजता बनाए रखने के लिए आप अपने SHEROES अकाउंट की लॉग -इन सूचना भी इसमें रख सकती है।
अगर मुमकिन है तो, ज़रुरी फोटो और पैतृक संपत्ति की जानकारी जिन्हे आपको लगता है वो नष्ट कर सकते हैं आपके जाते ही (पर ध्यान रहे वो ही लें जिन पर उनका ध्यान नहीं जाए) वो भी रख लें। साथ ही आपका सामान जो आपका ही है और उन्हें याद नहीं आएगा की गायब है उसे दोस्त या रिश्तेदार के घर रख दें।
अब इस बॉक्स को सुरक्षित स्थान पर रखना ज़रुरी हो जो ऐसी जगह हो जहाँ से निकलते समय आप आसानी से कर निकल सकें। जैसे की- कार में, पार्किंग में, आपके अंडरवियर वाली जगह अलमारी की या फिर किसी विश्वास पत्र दोस्त को भी दे सकती हैं।
खुद की जरुरत का सामान जैसे की टूथ ब्रश, दवाई और एक जोड़ी कपड़े छुपाना भी एक अच्छी योजना का हिस्सा होगा।
एक मेटल (लोहा, कॉपर जैसा कुछ) का बॉक्स खरीदें या फिर गत्ते का बॉक्स भी ले सकती हैं। इन सब कागजों की कॉपी बनाएं और इस बॉक्स में
� जन्म प्रमाण पत्र- खुद का और बच्चों का
� शादी का प्रमाण पत्र
� पासपोर्ट और/या आधार कार्ड
� PAN
� डॉक्टर के दिए गए सब पर्चे और मेडिकल कागज़ात
� स्कूल के सब कागज़
� सेविंग्स बैंक खाते का स्टेटमेंट
� क्रेडिट कार्ड की जानकारी
� लोन या गिरवी रखे गए सामान की जानकारी
� यूजर id और पासवर्ड सब ऑनलाइन की जाने वाले लेन देन का, ना सिर्फ बैंक खातों के लिए बल्कि इनकम टैक्स, सोशल मीडिया एकाउंट्स, सेफ्टी लाकर, इत्यादि
� किसी आर्थिक एजेंसी से क्रेडिट रिपोर्ट बनवाई हो तो वो
� पिछले दो साल की इनकम टैक्स return
� कार के कागज
� घर के कागज या फिर किरायानामा
� बीमा पॉलिसी के नंबर और कंपनी के नाम
� कोई रिटायरमेंट प्लान लिए है तो उसकी जानकारी और कागज
� जेव्लेरी और अन्य कीमती वस्तु की फोटो (ये डाइवोर्स के समय काम आता है)
� पहले झेली गयी प्रताड़ना के लिए कोई भी रिपोर्ट दर्ज कराइ हो, डॉक्टरी मदद ली गयी हो तो उसके कागज या चोट के निशान की फोटो
� घरेलु हिंसा के क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाओं के नंबर और पता
� पुलिस, आपके एम्प्लायर, बच्चों के स्कूल, दोस्त और रिश्तेदारों के नंबर और पता जो आपकी मदद कर सकते हैं
अगर अपने घर के कंप्यूटर को घरेलु हिंसा या आर्थिक स्वतंत्रा पाने की सुचना ढूंढ़ने में इस्तेमाल करती हैं तो धयान रखें की शोषक ये पता नहीं लगा पाए। इसके लिए इंटरनेट की टेम्पररी फाइल्स जो की 'कूकीज/cookies' के नाम से होती हैं उन्हें डिलीट करें.
बहुत ज़्यदा सावधानी बरतें अपनी कोई भी जरुरी निजी सुचना जैसे की आधार, टेलीफोन नंबर या घर का पता देने से पहले। कोई भी संवेदनशील इ मेल घर के कंप्यूटर पर ना आने दें। इसकी जगह एक ऐसा इ मेल एड्रेस दें जो आप दोस्त के घर या काम की जगह (अगर काम वाला ईमेल निजी है तो) से देखती हैं। जब भी घर से कोई इ मेल भेजें तो उसे इनबॉक्स, आउटबॉक्स और ट्रैश से मिटाना न भूलें।
अगर किसी भी तरह की सुचना के लिए घर से शोध करती हैं तो सभी बुकमार्क्स मिटा दें जिनको देखने से शोषक गुस्सा हो सकता है।
जरुरी सूचना: इस पूरी गाइड में आपकी स्तिथि के हिसाब से सभी जरुरी सूचना यहाँ दिए गए लिंक्स पर क्लिक कर के रिकॉर्ड कर सकती हैं या फिर सूचना भर कर SHEROES अकाउंट में सुरक्षित रख सकती हैं।
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मुबारक हो आपने पहला कदम उठा लिए है अपने जीवन पर आर्थिक पकड़ फिर से लाने के लिए। आप समझ गयी है की आपको निजता का अधिकार है और अब आपने उसे सुरक्षित रखना शुरू कर दिया है।
सभी महिलाओं की अपने परिवार की आर्थिक स्तिथि के बारे में जानकारी होनी चाइए जिससे वो किसी भी आकस्मिक हालात जैसे की बीमारी, मृत्यु, तलाक या किसी भी प्रकार की आर्थिक परेशानी का सामना करने के लिए तैयार रह सकें। जो महिलाऐं प्रताड़ना की शिकार हैं उन्हें तो और अच्छे से पता होना चाइए की उनका खुद का क्या है और देनदारी है उनके नाम पे। अगर वो घर छोड़ कर जाती हैं और तलाक लेने का निर्णय लेती हैं तो ये पता होना की शादीशुदा जोड़े के पास क्या क्या है और उन्हें क्या चुकाना है, इसकी जानकारी होने से आर्थिक समझौता ठीक से हो इसमें फ़ायदा होता है।
ये सब जानकारी हासिल न करने की सोचना आसान है वो भी तब जब आपको पता हो की ये सूचना पता कर पाना आसान नहीं होगा, पर एक बार ऐसा कर लेने पर अपने जीवन की डोर खुद के हाथ लेने में आप ज़्यदा आत्मविश्वास महसूस करेंगी ।
याद रहे- रिश्ता कितने समय तक रहा है और कीमती वस्तुएं (असेट्स) किसके नाम हैं इसका असर तलाक के समय होने वाले बटवारे पर होगा। आपने रिश्ता खत्म करने का या इस घर से बहार निकलने का निर्णय नहीं किआ है तब भी अस्सेस्ट में खुद के कानूनी हक़ जानना जरुरी है। इसके लिए आप वकील की मदद ले सकती हैं। इस गाइड में हम मान रहे हैं की आप शोषक से शादीशुदा हैं या फिर काफी साल से लाइव- इन रिश्ते में हैं।
लीगल हेल्पलाइन इंडिया में जो भी हैं उनका लिंक डालें_____
कोई भी सूचना इक्कठा करने से पहले ये पढ़ें- इस गाइड में हम किसी बहार के इंसान से सूचना इक्कठा करने ka उल्लेख कर रहे हैं, जेके की आपके पति नियोक्ता (Employer)- ऐसा तब ही करें जब आपको लगता हो की उस इंसान से बात करना सुरक्षित होगा और पति को पता भी नहीं लगेगा।
अगर आप घर में पैसों का हिसाब किताब रखती हैं तो परिवार की सारी संपत्ति (Assets) और देनदारी/ऋण (liabilities) की सूची बनाना आसान होगा। अपनी याददाश्त पर विश्वास न करें, सब कुछ लिख के रखें जैसे की नाम, पासवर्ड, खता नंबर, इत्यादि। जरुरी कागजात की कॉपी बना कर रखें।
धयान से सोचें की आप और आपके पति दोनों की मिला कर क्या क्या संपत्ति हैं और कौन कौन से ऋण हैं। इस अध्याय के अंत में एक फॉर्म दिया गया है ये सूची बनाने के लिए। थोड़ी सी ज़्यदा जांच करने से ना कतराएं अगर आपको शक है की पति आपसे कुछ संपत्ति या कोई क़र्ज़ छुपा रहें है या फिर आपके या बच्चों के नाम से कुछ खरीदा हो या फिर बच्चों के नाम से माइनर बैंक कहते खोले हों।
प्रताड़ित करने वाले के लिए ये बिलकुल भी असामन्या नहीं है की वो परिवार के पैसे पर भी नियंत्रण रखे। अगर आप इस स्तिथि में हैं तो आपको सही आर्थिक जानकारी जुटाने के लिए जासूसी करनी होगी। इसके लिए आपको काफी हिम्मत करनी होगी पर ऐसा करने की वजह से आप खुद को दोषी न मानें। आपको हक़ है आपकी आर्थिक स्तिथि जानने का।
पर साथ में ये धयान रखें कीअपनी सुरक्षा को खतरे में न डालें। अगर आपको लगता है की पति को मालुम लग जाएगा आप ये सूचना इक्कठी कर रही हैं और वो प्रताड़ित कर सकते हैं तो बहुत ज़्यदा सावधान रहें। स्तिथि खतरनाक हो सकती है तो पहले आप बहार निकल कर फिर वकील से मदद ले सकती है अपने हक़ पाने के लिए। हाँ हो सकता है जो आपका है वो पूरा न मिले पर उनके द्वारा छुपाए गए १० हज़ार रुपए पाने से बेहतर नहीं होगा हॉस्पिटल का २० हज़ार का बिल या फिर आपकी जान।
चलिए शुरुआत करते है।
अगर आपको नहीं पता है की शोषक कितना कमाता है और बिना शक पैदा किए उनसे पूछा भी नहीं जा सकता तो फिर उनकी सैलरी स्लिप या फिर सेविंग्स खाते की पासबुक में होने वाली जमा राशि पर धयान दें। उनकी पासबुक और खाते के स्टेटमेंट कहाँ रखें है ये ढूंढे और जांच करें की सैलरी अपने आप क्रेडिट होती है या नहीं। दूसरे आये के साधन भी हो सकते है जैसे की इंटरेस्ट, किराया, इत्यादि- वो भी जांच लें। ये देखें की वो कितना भुगतान हर महीने और किस समय कर रहे हैं इससे अंदाजा लगाया जा सकता है उनकी कमाई का।
सबसे अच्छा तरीका है आयकर return से जानकारी हासिल करना।
FD- फिक्स्ड डिपाजिट (सावधि जमा), RD-रेकरिंग डिपाजिट (आवर्ती जमा, म्यूच्यूअल फण्ड खाते, ब्रोकरेज, रिटायरमेंट फण्ड (PPF के अलावा), जीवन बीमा पॉलिसी, इत्यादि आर्थिक संपत्ति होती है। क्या आपके नाम पर ऐसी कोई संपत्ति है? अगर है, तो अच्छी बात है! याद रखें की आप उन्हें अलग से रखें। आपके खुद के नाम जो कुछ भी है उसके कागज़ अपने सुरक्षित बॉक्स या फिर बैंक के लाकर में रखें।
इसके अलावा, जो भी आर्थिक संपत्ति आपके और पार्टनर दोनों के नाम है या फिर सिर्फ उनके अकेले के नाम है उसकी लिस्ट बनाएं। अगर वो ये सूचना आपके साथ साझा नहीं करते है तो जो डाक घर आती है उन पर नजर रख के ये जानकारी जुटाई जा सकती है। अगर आपको शक है की वो ये साडी डाक ऑफिस में मंगवाते है और आप वहां जा सकती हैं तो ऑफिस के टाइम के २-३ घंटे बाद या छुट्टी के दिन जा कर पता किया जा सकता है की वहां क्या क्या आ रहा है। ऐसा सिर्फ तब ही करें जब आपको पता हो की आपका वहां जाना उन्हें कोई नहीं बताएगा। धयान रखें की आप कोई भी कानून या उस ऑफिस और बिल्डिंग का कोई नियम नहीं तोड़ रही है।
अगर आपका नाम बैंक खतों और बाकी किसी भी संपत्ति में है तो आप फ़ोन करके जानकारी ले सकती हैं। उनके रिटायरमेंट के प्लान जो उन्होंने ऑफिस से लिए होऊं उसकी जानकारी ऑफिस के एडमिनिस्ट्रेटर से ली जा सकती है। ये पूछें की उस प्लान के संयुक्त और मृत्यु के बाद निर्भर लोगों के लिए क्या क्या फायदे है, मतलब की आपको भी फ़ायदा होगा या नहीं अगर आपको प्रताड़ित करने वाला आपसे पहले गुजर जाए। अगर फ़ायदा है और मृत्यु की स्तिथि में आप नामित हैं, तो आपके पार्टनर आपका नाम बिना आपकी इजाज़त के डाइवोर्स से पहले नहीं हटवा सकते। हालाँकि, आपका और बच्चों का नाम बिना आपकी इजाज़त के, चिकित्सीय या जीवन बीमा, जो ऑफिस के द्वारा करवाया गया है उसमें से हटवा सकते है। ऐसा वो सिर्फ तब नहीं कर सकते जब आपके पास कानूनी आर्डर हो जिससे वो बाध्य होते हैं ये मुहैया करवाने को।
ऐसे ही, आप भी संयुक्त नाम वाली FD/RD या बैंक के खाते बिना उनकी इजाज़त और हस्ताक्षर के बंद नहीं करवा सकती पर बिना उनकी इजाज़त के आपको आधे या पूरे पैसे निकलने का हक़ हो सकता है- ऐसा करने से पहले आपके वकील से बात करें। क्रेडिट कार्ड जो दोनों के नाम है उन्हें भी बंद करवा सकती हैं पर हर बैंक के नियम अलग हो सकते है तो बैंक में पता करना होगा। कार्ड प्रदान करने वाली कंपनी में फ़ोन करके अपनी स्तिथि बता कर पूछें की आप बंद करवा सकती हैं या फिर अपना नाम कैसे हटवा सकती है।
स्थिर संपत्ति में घर, गाड़ी, जेवर, फर्नीचर, इत्यादि होते हैं। याद रखें की जो स्त्रीधन जो आप अपने साथ शादी पर लायी थीं वो अभी भी आपकी ही संपत्ति है। जिस भी सामान के मालिक आप और आपके पार्टनर साथ में या अकेले अकेले है उनकी एक सूची बनाएं, सभी चीजों की फोटो ले लें और जरुरी कागज़ात जैसे की घर और कार के कागज़ उनकी कॉपी बना कर अपने सुरक्षित बॉक्स या बैंक के लॉकर में रखें।
अगर आपने शोषक के साथ कोई लोन या क्रेडिट कार्ड लिया है और आप अलग भी हो जाएं तब भी आप कर्ज चुकाने के लिए आप जिम्मेदार होंगे। ऐसा क्रेडिट कार्ड के मामले में तब नहीं होगा जब आपकी बिना जानकारी के वो लिया गया हो (आप ये मुद्दा कानूनी शिकायत करते समय इस्तेमाल कर सकती है क्यूंकि ऐसा कर पाना बिना आपके जाली हस्ताक्षर किये या धोके से आपको मन बदलने के लिए उकसाए बिना मुमकिन नहीं है) और आपने कभी उस कार्ड का इस्तेमाल भी नहीं किया हो. ऐसे में बैंक से बात करें की वो आपकी जिम्मेदारी हटा सकते है या नहीं।
कर्ज़ के बारे में सबसे जरुरी बात- इसे नजरअंदाज ना करें. एक नए जीवन की शुरुआत करते समय ये जानकारी होना बहुत जरुरी हैं की आपका खुद का क्या है और आपको चुकाना क्या है। ये पता करने का एक तरीका है की अपनी क्रेडिट रिपोर्ट निकलवाएं। इसके लिए कुछ राशि खर्च करनी पद सकती है। ये फिर आप फ्री में ये रिपोर्ट इनमे से किसी संस्था से लेने की कोशिश कर सकती हैं जो ईमेल पर मुहैया करवा देंगे-
Experian
CIBIL
अगर आपसे आर्थिक जानकारी छुपाई जा रही है तो कुछ जगह ढूंढने की ये हो सकती हैं-
१. गाड़ी पार्क करने की जगह, घर का कोई ऐसा कमरा या जगह जहाँ वो काफी समय व्यतीत करते है पर वहां कुछ काम करते दिखाई भी नहीं देते।
२. ये उनके पढ़ने का कमरा, ऑफिस का काम करने के लिए लगायी गयी टेबल, अलमारी का प्राइवेट कोना हो सकता है।
३. कार का टूल किट, डिक्की या उनको जो भी चीजें प्रिय हों जैसे की गिटार, किताबें, इत्यादि।
ये भी धयान रखें की बहुत ही जयदा शातिर इंसान आपको पकड़ने के लिए कुछ जाल भी बिछा सकता है जिससे वो ये समझ सके की किसी ने उनके कागज़ात देखे है। उनसे बचने के लिए अजीब से कागज़ या टेप के टुकड़े या ऐसी किसी भी चीज़ का धयान रखें।
कर्ज़ा (देनदारी) |
नाम/अकाउंट# |
राशि |
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गृह ऋण या गिरवी रखा हुआ सामान |
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पति/पार्टनर |
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मेरा |
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हमारा |
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गाड़ी/वाहन ऋण |
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पति/पार्टनर |
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मेरा |
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हमारा |
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क्रेडिट कार्ड ऋण |
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पति/पार्टनर |
|||
मेरा |
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हमारा |
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अन्य ऋण |
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पति/पार्टनर |
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मेरा |
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हमारा |
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कुल |
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पति/पार्टनर संपत्ति (Assests) |
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मेरी संपत्ति |
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हमारी संपत्ति |
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पति/पार्टनर देनदारी (Liabilities) |
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मेरी देनदारी |
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हमारी देनदारी |
संपत्ति |
नाम/खता # |
मूल्य |
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घर |
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पति/पार्टनर |
||
मेरा |
||
हमारा |
||
वाहन |
||
पति/पार्टनर |
||
मेरा |
||
हमारा |
||
FD/ RD खाते |
||
पति/पार्टनर |
||
मेरा |
||
हमारा |
||
बचत खाते |
||
पति/पार्टनर |
||
मेरा |
||
हमारा |
||
निवेश |
||
पति/पार्टनर |
||
मेरा |
||
हमारा |
||
PPF, Retirement Plans |
||
पति/पार्टनर |
||
मेरा |
||
हमारा |
||
फर्नीचर |
||
कलाकृतियां (Artwork) |
||
गहने |
||
सिक्के या कोई भी संग्रह |
||
किराये पे दी गयी संपत्ति |
||
व्यवसास/व्यापार |
||
अन्य |
पति/पार्टनर कुल महत्व/मूल्य (Assets - Liabilities)
मेरा कुल महत्व/मूल्य
हमारा कुल महत्व/मूल्य
कभी कभी प्रताड़ना अचानक इतनी बढ़ जाती है की महिला को तुरंत निकल जाना चाइए, अगर जरुरत के जितने पैसे भी ना हो पास तो भी। ऐसा करना बेहतर होगा इंतज़ार कर के जीवन को जोखिम में डालने से। पैसे की दिक्कत से बाद में भी निपटा जा सकता हैं क्यूंकि वो जान से जयदा जरुरी नहीं है।
जिन महिलाओं ने अभी घर छोड़ने का निर्णय नहीं लिया है या उन्हें इतना सुरक्षित लगता है की वो कुछ और समय रुक कर अपने लिए पैसे जमा कर सकती हैं- अगर आप ऐसी स्तिथि मे है, तो इस अध्याय मे दिए गए सुझाव आपको मदद करेंगे आर्थिक आधार बनाने की, जिससे आपको आत्मविश्वास मिलेगा खुद और बच्चों की जिम्मेदारी खुद लेने का।
नोट: आप जब ये अध्याय पढ़ें और आपके खरचे जितना आप वहां कर सकती हैं तो इस बात से हताश ना हों। ऐसी बहुत सी संस्थाएं है जो आपकी मदद सरकारी/NGO के द्वारा चलाए जाने वाले घर, बच्चों के लिए अनुदानित (subsidized) सेवाएं, खाना और दवाई मुहैया करवा के करती है। आपके शोषक भी कोर्ट से आदेश मिल सकता हैं मेंटेनेंस राशि देने के लिए- आपके और बच्चों दोनों के लिए।
घरेलु हिंसा के लिए बनाई गयी अपने शहर की किसी भी हेल्पलाइन पर फ़ोन कर के ये जानकारी हासिल कर सकती हैं।
खुद के लिए आर्थिक आधार तैयार करना शुरू करने के लिए ये अनुमान लगाने से शुरू करना अच्छा होता है कि अकेले अपने आप रहने के लिए कितना खर्चा होगा। जब आपके पास ये अनुमान होगा तब ही आप जो कमी रह रही हैं उसे पूरा करने के लिए कुछ योजना सोच पाएंगी।
एक वर्कशीट इस गाइड के अंत मे दी गयी है जिससे आपको आमदनी और खर्च का अनुमान लगाने मे मदद होगी।
व्यय/खर्चा: किराये का अंदाज़ा लगाने के लिए जिस इलाके मे आप रहना चाहती है उसकी जानकारी के लिए magicbricks.com जैसी वेबसाइट देख सकती है या फिर अखबार में किराये कि घर के लिए इश्तिहार देखें। टेलीफोन और बिजली विभाग में फ़ोन करके इन खर्चों का अंदाज़ा लगाएं। खाने का खर्च जो अभी घर का खर्चा है उसमे कम (एक या जितने भी जने हैं) करके लगाया जा सकता है। क्रेडिट कार्ड का बिल या और कोई भी क़र्ज़ हर महीने चुकाना होता हैं तो उसे ना भूलें।
आय: अगर आप नौकरी करती हैं, तो अपनी मासिक आय लिखें। अगर नौकरी नहीं करती है तो समझें कि किस तरह कि नौकरारियों के लिए आप योग्य हैं? नौकरी कि इश्तिहार पढ़ती रहें ये जानने के लिए कि आपके शहर में कितनी तन्खा मिल जाती है। ये भी धयान रखें कि आय में बच्चों के लिए मिलने वाली सहायता राशि भी गिनी जाएगी। ये अनुमान लगाने में भी शहर कि घरेलू हिंसा हेल्पलाइन से मदद मिल सकती है।
आय और खर्चे कि तुलना करें: अगर आपकी आय अनुमानित खर्च से ज़्यदा है, तो घर छोड़ने कि दशा में आप अच्छी आर्थिक स्तिथि में होंगी। अगर नहीं है तो भी समस्या को सुलझाने के तरीके हैं। आपके घर वाले या अच्छे दोस्त कुछ समय के लिए आपकी आर्थिक सहायता कर सकते हैं। इस दौरान आप कोई और डिग्री कर सकती है जिससे आपको ज़्यदा आय वाली नौकरी मिल जाए। आय और खर्च के आंकड़े कुछ भी हों उन्हें आपको हिंसक स्तिथि में रुके रहने के लिए खुद पर हावी ना होने दें। अकेले रहना मुश्किल हो सकता हैं पर ये किसी ऐसे इंसान पर निर्भर रहने से, जो आपको प्रताड़ित करता है, से बेहतर होगा।
हर महिला के पास खुद के कुछ पैसे होने चाइए, फिर स्तिथि चाहे कुछ भी क्यों ना हो। ऐसा होता है तो ज़्यदा अवसर महसूस होते है जिंदगी मे।
प्रताड़ित महिलाओं के लिए तो कुछ हज़ार रूपए अलग रखना और भी जरुरी है। आपका लक्ष्य ३ महीने का घर का किराया, ३ रात का होटल का खर्च या सिर्फ माता पिता के घर जाने के लिए टैक्सी के किराये जितना हो सकता है। लक्ष्य कुछ भी हो, उस तक पहुंचने के लिए कुछ मेहनत और सूज बूझ चाइए होगी।
कुछ तरीके सो सभी महिलाओं ने (ख़ुशी से शादीशुदा या नहीं) बरसों से इस्तेमाल किए हैं-
टिप : अगर शोषक को पता लग जाए इस राशि के बारे में तो कुछ बहाना तैयार रखें जैसे कि उनके लिए ही कुछ खरीदने के लिए बचा रही हैं।
- अगर वो आपको राशन, घर कि और जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसे देते है तो उसमे से जो आप बचती है वो अलग रखें।
- अगर आपको तन्खा कैश मे मिलती है तो उसका कुछ हिस्सा छुपा लें।
- एक पार्ट टाइम नौकरी कर लें जिसके बारे मे उन्हें नहीं बताएं।
- अगर वो घर के खर्च का हिसाब नहीं रखते हैं तो उन्हें कह दें कि घर मे काम करने वालों कि तन्खा बढ़ गयी है और जो ज़्यदा पैसे मिलें उन्हें अलग रखें।
- जो कपडे आप नहीं पहनती उन्हें बेच दें।
- अगर वो क्रेडिट कार्ड पर किए गए खर्च का हिसाब नहीं मांगते तो दोस्तों के लिए कुछ पेमेंट कर दें और उनसे कैश ले लें।
- घर मे ऐसे ही रखें पैसों पर नजर रखें और आपको लगता है वो धयान नहीं देंगे तो वो पैसे समय समय पर छुपाती रहें।
- अगर आपकी तन्खा बढ़ती है तो उन्हें नहीं बताएं, बल्कि ये पैसे बैंक के खाते मे जमा करती रहें।
- जो भी पैसे वो देते है पहले वो ही खर्च करें, थोड़े थोड़े करके ही बड़ी राशि जमा होगी।
- जो भी खुले पैसे (चिल्लर) घर मे या आपके पर्स में दिखे वो अलग रखती रहें और कुछ समय बाद बैंक में जमा कर दें।
- अगर आप नौकरी करती है और रोज लंच बहार कहती है तो घर से खाना लाना शुरू कर दें और वो पैसे बचाएं।
- धयान रहें कि आपका वाहन अच्छी दशा में हो और हमेशा पेट्रोल भरा के रखें, कहीं एक दम से घर छोड़ा पड़े तो काम आएगा।
- अगर संयुक्त बैंक खता हैं और आप घर छोड़ने के फैसला लेती है तो वकील से बात करें इस पैसे के लिए क्या कर सकती हैं। ये पूछें कि क्या आप वो पैसा पूरे, आधा या कितना हिस्सा निकल सकती हैं इससे पहले कि प्रताड़ित करने वाले को पता लगे कि आप जा चुकी हैं।
ये बचाए हुए पैसे रखे कहाँ जाएं?
आप शुरुआत में इन्हे सुरक्षित बॉक्स या फिर बैंक के लाकर में रखने से कर सकती हैं। पर बेहतर तरीका इस पैसे को सुरक्षित रखने का FD या खुद के नाम के बचत खाते में होगा। मुमकिन हो तो उस बैंक में न रखें जहाँ शोषक के खाते हों।
अलग अलग बैंक और आर्थिक संस्थाओं को फ़ोन कर के फायदे, लागत, विशेष्ताऐं पता करें।अगर आपको बैंक खाता इस्तेमाल करने का अनुभव नहीं है तो बैंक कर्मचारी से मदद मांगे।
अपने इस खाते को सुरक्षित रखने के लिए बैंक में पता अपने माता पिता के घर का दें।
जो क़र्ज़ आपने और पार्टनर ने मिल के लिए थे और आपकी भी जिम्मेदारी है उन्हें चुकाने कि, उनकी जिम्मेदारी घर छोड़ने के कुछ समय पहले से लेने कि कोशिश करें। जैसे कि- अगर आप घर के बिल्स का भुगतान करती है तो पहले उन कार्ड्स का भुगतान करें जो आप दोनों के आम हो ना कि उन क़र्ज़ का जो सिर्फ पार्टनर के नाम हो। अगर मुमकिन हो तो सब क्रेडिट कार्ड जो आपके और उनके संयुक्त नाम पर है उन्हें कैंसिल करवा दें, या फिर अपना नाम हटवा लें उनमे से।
अगर आप पर गाड़ी का लोन है को ज़्यदा भुगतान करने कि कोशिश करें, या फिर गाड़ी को बेचने कि योजना सोचें और थोड़ी सस्ती गाड़ी ले लें। अगर शोषक बिना आप से सवाल किए क्रेडिट कार्ड का भुगतान कर देते है, तो वो चीजें जमा कर सकती है जिनकी घर छोड़ने पर आपको जरूरत होगी जैसे कि ऑफिस के कपडे, बच्चों के लिए गरम कपडे, इत्यादि।
अगर आपके नाम कभी कोई क्रेडिट कार्ड या ऋण नहीं लिया गया हे तो आपकी कोई क्रेडिट हिस्ट्री (ऋण इतिहास) नहीं होगी। इस वजह से भविष्य में ऋण ले पाना मुश्किल हो सकता है, यहाँ तक की होटल के बिल का भुगतान भी मुश्किल होगा अगर आप अचानक घर छोड़ के निकलें और आपके पास कॅश न हो।
अपने नाम कुछ ऋण लेने की कोशिश करें, फिर वो क्रेडिट कार्ड ही क्यों न हो। अगर क्रेडिट कार्ड प्रदान करने वाली किसी का हस्ताक्षर मांगती हैं तो अपने परिवार या दोस्तों से मदद लें ना की शोषक से। अगर आपको लगता है ये कार्ड देख कर वो गुस्सा हो सकते हैं तो उसे अपने सुरक्षित बॉक्स में रखें। याद रहे हर महीने इस कार्ड पर कुछ खर्च कर के समय पे बिल का भुगतान करती रहें इससे अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री बनेगी।
मैंने अपनी आय और खर्च के आंकलन की वर्कशीट पूरी कर ली है: हाँ/ना
मैंने अपने लिए अलग से पैसे रखना शुरू कर दिया है, ये करके: ______
मेरा बचत का लक्ष्य हे____
मैंने अपने नाम का बचत खाता खोल लिया है: हाँ/ना
मेरे पास अपने ऋण को नियंत्रित रखने की योजना है: हाँ/ना
मेरे पास खुद का क्रेडिट कार्ड है: हाँ/ना
शोषित होने वाली महिलाऐं अकेली और असहाय महसूस करती हैं। उन्हें अक्सर ये नहीं पता होता की बहुत सी संस्थाएं और लोग उनकी मदद करने के लिए तैयार हैं।
अगर आप इस स्तिथि में हैं तो आस पास मदद के लिए नजर रखना शुरू करें। आपको यकीन करना मुश्किल हो शायद पर बहुत सी जगह से जरुरी सुचना और मदद मिल सकती है, ये कुछ विकल्प हैं:
चाहे आपने शोषक के साथ रहना छोड़ा हो या आप सोच रही हैं, मन में ये सवाल होना आम बात है की खुद कैसे जीवन यापन करेंगी, इन अध्यायों में आपके लिए सुझाव हैं:
- रहने के लिए जगह ढूंढ़ना
- काम
-आय-व्यय का लेखा (बजट)
- डाइवोर्स की प्रक्रिया समझना और उसका ज़िम्मा लेना
- भविष्य के लिए सोचना और तैयार होना
अगर आप हिम्मत कर के प्रताड़ना भरे रिश्ते से बहार आ गयी हैं, हो सकता है आपके पास जरुरी रकम हो घर किराये पर लेने के लिए। मगर आप अचानक ऐसा करें तो आपको दूसरे विकल्प सोचने होंगे काम से काम एक हफ्ते के लिए। इस अध्याय में आपको रहने के लिए क्या जगह मिल सकती है इसके विकल्प हैं।
रहने की जगह ढूंढ़ने की शुरुआत करने के लिए सबसे अच्छी जगह महिला आयोग का दफ्तर होगा। कुछ शेल्टर होम्स वो चलाते हैं जहाँ महिलाऐं अपने बच्चों के साथ एक दो महीने बिना किसी शुल्क के रह सकती हैं। अगर महिला आयोग का शेल्टर होम नहीं है वो आपको निजी संस्थाओं द्वारा चलाए जाने वाले शेल्टर होम भेज देंगे। या फिर वो आपको किसी और महिला कल्याण के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था से संपर्क करवा देंगे।
जब आप घरेलु हिंसा के लिए मदद के लिए किसी भी संस्था से संपर्क करेंगी तो वो आपको निशुल्क काउंसलिंग, नौकरी ढूंढने में सहायता, कानूनी सलाह और आपके बच्चों के लिए डे केयर की सुविधा भी उपलब्ध करवा सकते हैं। आपके फ़ोन की सिम में आपातकालीन संपर्क नम्बर, स्थानीय लाइब्रेरी या स्थानीय हॉटलाइन नंबर से संपर्क करें।
अचानक निकलना पड़े तो होटल आप कभी भी जा सकती हैं । कोशिश करें २-४ दिन के होटल में रहने के लिए जरुरी कॅश अलग रखने की या फिर आपके नाम में जो क्रेडिट कार्ड है उससे शुल्क अदा करने की कोशिश करें। अपनी कार/स्कूटी ऐसी जगह पार्क करें जहाँ शोषित करने वाला देख ना सके। जब आप सुरक्षित स्थान जैसे की होटल या कोई भी अन्य जगह पहुंच जाएं तो स्थानीय घरेलु हिंसा में सहायता करने वाली संस्थाओं को फ़ोन करके सलाह लें की आगे क्या क्या कर सकती हैं।
प्रधान मंत्री आवास योजना (शहरी/नगरीय) बहुत अच्छे मूल्य की सब्सिडी देती है अगर आप खुद और बच्चों के लिए घर खरीदने की सोच रही हैं तो। इस सूचि में दी गयी और संस्थाओं से संपर्क कर सकती हैं: https://yourstory.com/2016/04/women-helpline-india
अनुदानित मदद में एक नुकसान ये होता है की उसके लिए इंतज़ार लम्बा करना पड़ सकता है, और आपको बहुत सी संस्थाओं से मदद लेनी पड़ेगी राशि पाने के लिए। जितना जल्दी हो सके अपना नाम इन सूचियों में दर्ज करवाएं और उन्हें बताएं की आपका केस तत्काल महत्वपूर्ण है क्यूंकि आप घरेलु हिंसा की शिकार हैं। कोशिश करते रहें की वेट लिस्ट में अपना नाम ऊपर करवाने के लिए।
जब आप घर छोड़ने का सोच कर ही सदमे में हों तो ऐसे में रहने के लिए किराये पर घर ढूंढना आसान नहीं होगा, कुछ सुझाव जो मदद कर सकते हैं:
- अगर किराये के घर आसानी से नहीं मिलते आपके इलाके में तो ऐसा घर जो आपके बजट में हो ढूंढ़ने में समय लग सकता है। हताश ना हों और न ही बुरा मानें अगर जिन घरों के लिए आप पूछताछ कर रही हैं वो पहले से ही किराये पर हैं। रोज सुबह का नियम बना लें की सबसे पहले अखबार में किराये के लिए जो इश्तिहार आते हैं उन्हें पड़ेंगी और फ़ोन करेंगी जिससे आप सबसे पहले पता कर पाएं। अगर आपके पास कोई गाड़ी है तो आस पास के इलाके में जा कर देख सकती हैं किराये पर उपलब्ध घर कौन कौन से हैं। कुछ मकान मालिक 'किराये पे देना है' का चिन्ह लगा देते हैं और कभी कोई इश्तिहार ही नहीं देते।
- अगर मकान मालिक आपका पुराण पता जान ना चाहते हैं तो उन्हें अपनी स्तिथि बताएं और समझाएं की आप क्यों ये जानकारी निजी रखना चाहती हैं। पूछें की शोषक के सिवा किसी और से आप अपनी पहचान करवाएं तो उन्हें मंजूर होगा या नहीं। अगर आप किसी घरेलु हिंसा में सहायता करने वाली संस्था के संपर्क में हैं तो उनसे विनती करें आपकी स्तिथि माकन मालिक को समझने के लिए।
- अगर मकान मालिक मन कर देते हैं तो उसे निजी तौर से ना देखें. कुछ लोग घरेलु हिंसा के मामलों में पड़ने से डरते हैं। मकान मालिक आपको मन नहीं कर रहे हैं बस वो खुद किसी तरह की मुसीबत में ना पड़ें इस वजह से मन कर रहे हैं। हो सकता हे अगले जो माकन मालिक मिलें वो समझें।
- आपसे एडवांस माँगा जा सकता है घर किराये पर लेते समय और अगर आप इतने रुपये नहीं जोड़ पायी हैं तो ये समय है रिश्तेदार और दोस्तों से लोन लेने का। अगर आप नौकरी करती हैं तो वहां पता एडवांस सैलरी या लोन की सुविधा के बारे में पता करें।
- चाहें तो घर को साझा रूप से किराये पर लेने की सोच सकती हैं, अगर कोई और भी होगा साथ तो खर्चे बट जाएंगे। घरेलु हिंसा संस्था के द्वारा आप किसी के संपर्क में आ सकती हैं। या फिर आप किसी सोशल मीडिया पे फ्री में ऐड कर सकती हैं रूम मेट के लिए। कोई भी तरीका अपनाएं ये साफ़ कर लें की किराया किस तरह से बाटना है, एक दूसरे की निजता का सम्मान और घर के काम का बटवारा कैसे करेंगे।
हलके में ये फैसला न लें, आश्वस्त होने के बाद-की आप रूम मेट के साथ रह पाएंगी तब ही फैसला लें। आप एक और मुश्किल की स्तिथि और रिश्ते में नहीं आना चाहती ये धयान रखें।
- जब आप नयी जगह रहना शुरू करें तो अपनी सुरक्षा के लिए कुछ नए कदम उठाएं। अपनी गाड़ी ऐसी जगह पार्क करें जहाँ आपका शोषक देख न पाए। अपने ऑफिस में ही सब डाक मंगवाना जारी रखें। सुनिश्चित करें की आपके ऑफिस और बच्चे की स्कूल में आपका फ़ोन नंबर गोपनीय रखा जाए। कुछ कोड शब्द भी सोच सकती हैं जो आप और वो ही समझें। कोशिश करें की आपके नए घर का पता जरुरी कागजात जैसे की ड्राइविंग लाइसेंस पे न हो।
- में स्थायी रूप से ______ जगह रहूंगी।
इसमें _____ खर्चा होगा।
- में रहने की जगह ढूढ़ने के लिए मदद ______ जगह से लूंगी।
- में _____ रकम घर के लिए चुका सकती हूँ, Wi Fi और दूसरे खर्चों को मिला कर।
नियमित रूप से कमाई होना आपको स्वतंत्र बनाएगा और शोषक के पास लौटने को मजबूर होने के विचारों से दूर रखेगा। इस अध्याय में अपनी नौकरी को अच्छा करने, नौकरी ढूढ़ने और काम की जगह पर शोषक से सुरक्षित कैसे रहा जाए इसके लिए सुझाव मिलेंगे।
उपलब्ध नौकरियों के बारे में जानकारी यहाँ से लें:
- काम उपलब्ध- चिन्ह।
- नौकरी के अखबार में आने वाले इश्तिहार।
- जहाँ आप काम करना चाहती हैं वहां काम करने वाले लोगों से संपर्क करें।
- रिश्तेदार और दोस्तों से जिन्हे आप जैसा काम कर सकती हैं उनके बारे में जानकारी हो सकती है।
- नौकरी की नियुक्ति के लिए सरकार द्वारा चलाए जाने वाले सेण्टर।
- नौकरी उपलब्ध करने वाली निजी एजेंसियां।
-कॉलेज के करियर काउंसलिंग दफ्तर।
- इंटरनेट पे चलने वाली कम्युनिटी जैसे की (Jobs For Women by SHEROES, MARS , इत्यादि)
जब आप प्रताड़ना से बहार निकलेंगी और अगर आप नौकरी कर रही हैं तो आपकी कुछ आय होगी जो की अच्छी बात है, चुनौती ये होगी की नए खर्चों को कैसे पूरा किया जाए। अगर ऐसा नहीं हो रहा है अभी की आय से तो कुछ मुश्किल फैसले लेने होंगे। थोड़ा सस्ता घर, रूम मेट या फिर एक और पार्ट टाइम नौकरी ढूढ़नी होगी। बैंक से कुछ समय के लिए कोई लोन है तो उसे चुकाने के लिए रियायत मांगनी होगी। मदद मांगने में शर्म महसूस न करें, कुछ ऐसे प्रोग्राम भी हैं जो जरुरतमंदो की सहायता के लिए ही बनाए गए हैं।
प्रताड़ना के चलते अगर आपको काम से छुट्टी लेनी पड़ी है तो अपने नियोक्ता (एम्प्लायर) से अपनी स्थिति के बारे में बात करें।
घरेलु हिंसा प्रोग्राम के दफ्तर से भी मदद मांग सकती हैं। घरेलु हिंसा के केस में माहिर वकील आपकी स्तिथि नियोक्ता को समझने में मदद कर सकते हैं।
आप या आपके वकील नियोक्ता से बात कर के काम की जगह पर आपकी सुरक्षा के इंतज़ाम की जानकारी लें, कुछ सुरक्षा के मुद्दे जिनके बारे में बात करनी होगी-
- जब आप काम पर हों तो शोषक को काम की जगह पर आने की अनुमति ना दी जाए। उनकी फोटो नियोक्ता को उपलब्ध करें जिससे सिक्योरिटी और रिसेप्शन पर बैठे लोग उन्हें पहचान पाएं। अगर आपके पास कोर्ट का आर्डर है उन्हें रोकने के लिए तो उसकी कॉपी दफ्तर में दें।
- रिसेप्शनिस्ट से गुहार करें कि वो सब फ़ोन कॉल्स और आने वालों पर नजर रखें। कोई भी ऐसा पार्सल ना लें जो आपने नहीं मंगवाया हो या फिर आप जिसे नहीं पहचानती।
- गाड़ी सुरक्षित जगह पर पार्क करें, मुमकिन हो तो ऐसी जगह जहाँ रौशनी हो। दूसरों के साथ दफ्तर से बहार निकलें और किसी से आपको गाड़ी तक छोड़ने कि विनती भी कर सकती हैं। अगर पार्किंग में रिज़र्व जगह है आपकी तो वहां से अपना नाम हटवा दें।
- जो भी सिक्योरिटी कर्मचारी काम पर हों, उन्हें आपकी स्तिथि से अवगत करें और शोषित करने वाले के बारे में उन्हें जानकारी दें।
इस सब के बारे में बात करना आपको शर्मनाक लग सकता है पर ये आपकी सुरक्षा के लिए जरुरी है। मुमकिन है कि आपकी कंपनी में किसी और ने भी ऐसी स्तिथि का सामना किया हो। लोग अक्सर आप जितना सोचती हैं उससे ज़्यदा समझदार हो सकते हैं।
अगर आप और ज़्यदा कमाना चाहती हैं (और कौन नहीं चाहता!), कुछ तरीके ये हो सकते हैं:
- अपने बॉस को बताएं आपको और कमाने कि जरुरत है और पूछें आप क्या कर सकती हैं। हो सकता है आपकी सैलरी बढ़ने कि सोची जाए, ओवर टाइम के लिए अलग से पेमेंट करा जाए या फिर आपके काम के अनुसार प्रमोशन के लिए सोचा जाए।
- अगर आपको कुछ नया सीखने कि जरुरत है सैलरी बढ़वाने के लिए तो कंपनी में बात करें कि वो आपके कोर्स की फीस देने में मदद कर सकते हैं क्या? या फिर कोई फ्री या काम फीस वाला कोर्स ज्वाइन करें। दूसरी पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद करने वाली संस्थाओं के बारे में पता करें। ये जरूर धयान रखें कि आपके बॉस को पता हो कि आप अपनी स्किल्स को बेहतर करने के लिए क्या कर रही हैं।
- नयी नौकरी भी तलाश सकती हैं। अगर आपको बेहतर नौकरी मिलती है पर आप अपनी पुरानी नौकरी में ही रहना चाहती हैं तो नए ऑफर के बारे में बॉस को बताएं। हो सकता है आपको रोकने के लिए आपकी सैलरी बढ़ा दी जाए, अगर अभी कि कंपनी सैलरी बढ़ाने से मना करती है तो ऑफर को स्वीकार करने के लिए तैयार रहें। कुछ बदलाव नहीं भी हुआ तो आपका आत्मविश्वास ही बढ़ेगा की आपको बेहतर ऑफर मिला।
अगर आपने काफी समय से घर के बहार काम नहीं किया है तो घर छोड़ते समय नौकरी ढूढ़ना आपकी सबसे पहली प्राथमिकता होगी। शुरुआत स्थानीय घरेलु हिंसा में मदद करने वाली संस्थाओं से संपर्क कर के करें। वो नौकरी के लिए काउंसलिंग, रिज्यूमे लिखने में मदद और वहन कर सकने योग्य शिशु सदन की सुविधा के बारे में भी बता पाएंगे।
- अपने हुनर एवं कौशल (स्किल्स) की सूची बनाएं। जैसे की-
- "मुझे आता है" (एकाउंटिंग, बच्चों की देखभाल, कंप्यूटर प्रोग्राम, इंग्लिश, इत्यादि)
- "मैं हूँ" (सुनियोजित, मेहनती, इत्यादि)
- "मैं कर सकती हूँ" (योजना बनाना, पर्यवेक्षण, सुधर, इत्यादि)
- आपने जो जो भी हुनर घर चलने में, बच्चों को बड़ा करने और स्वयंसेवा में सीखे हैं उनके बारे में सोचें। इन योग्यताओं के बारे में ऐसे लिखें की ये किसी नौकरी को पाने में किस तरह से काम में ली जा सकती हैं।
- एक या दो पेज का रिज्यूमे लिखने की कोशिश करें। अपनी योग्यताएं इस तरह से बयां करें जो नौकरी के लिए इस्तेमाल की जा सकती हैं। अपनी उम्र और काम में आये अंतराल पर धयान ना दिखाएं।
- अपनी स्किल्स को फिर से सही करने के लिए आपको फिर से स्कूल जाना पड़ सकता है। अक्सर, जिस तरह की ट्रेनिंग की भी जरुरत होती हो वो शाम में लगने वाली क्लासेज में की जा सकती है। डिस्टेंस एजुकेशन में भी विकल्प ढूंढ सकती हैं। जिन भी संस्थाओं में नौकरी के लिए अर्जी देने वाली हैं वहां पता करें वो on the job जॉब ट्रेनिंग या ट्रेनिंग के लिए फीस भरने में मदद करते हैं क्या।
- आपके जैसी स्तिथि में होने पर आर्थिक मदद भी मिल सकती है। स्थनीय यूनिवर्सिटी के आर्थिक सहायता विभाग में स्कालरशिप और स्टूडेंट लोन की जानकारी लें।
- एक नोटबुक में नौकरी ढूढ़ने की सब गतिविधियों का लेखा जोखा रखें। सब कम्पनियों जिनसे आपने संपर्क किया उनका नंबर, पता और नाम लिखें साथ ही तारिख और संपर्क करने का फैयदा क्या हुआ ये भी लिखें। बिज़नेस कार्ड और इश्तिहार भी इस नोटबुक में रखें। ये नोटबुक जब कभी आप नौकरी पाने के लिए चिंतित होंगी तो आपके नौकरी पाने के प्रयास याद दिलाएगी।
इंटरव्यू ही वो मौका है जब आप और नियोक्ता सवाल पूछ कर काम और एक दूसरे को समझ सकते हैं। उदहारण के तौर पे आप जानना चाहती हैं कि कंपनी किस तरह ट्रेनिंग करवाती है, तररकी कि क्या संभावना होगी, और नौकरी में सफल होने के लिए क्या क्या करना होगा। आप सैलरी, अन्य लाभ और काम करने की जगह पर सुविधाएं की जानकारी भी ले सकती हैं। पर ये सब सवाल इंटरव्यू के अंत में करने के लिए रखें।
ज़्यदा आत्मविश्वास के साथ इंटरव्यू में जाने के लिए आम तौर पर पूछे जाने वाले सवालों के लिए तैयार रहें और उनके जवाब देने का अभ्यास करें। कुछ सवाल ये हो सकते हैं:
- अपने बारे में बताएं?
- आप ये नौकरी क्यों करना चाहते हैं?
- आपकी ताकत और खामियां क्या हैं?
- आप खुद अकेले काम करना पसंद करती हैं या और लोगों के साथ काम करना?
- आपने नौकरी में सबसे बड़ी गलती क्या की है? गलती को सुधारने के लिए क्या किया?
- आपको ये नौकरी क्यों दी जाए?
इन सब सवालों के जवाब ईमानदारी से दें। आप नियोक्ता को घरेलु हिंसा के बारे में बताने के लिए अभी तैयार हों ये जरुरी नहीं है। पर अगर कोई ऐसा सवाल आता है जिसका जवाब आपकी स्तिथि बताए बिना ठीक से नहीं दिया जा सकता तो सच बोलना बेहतर होगा बजाए की झूट बोलने या कुछ छुपाने से। ज़्यदातर नियोक्ता हैट इंसान को अलग अलग दृष्टि से देखते हैं और आपकी स्तिथि को समझ सकते हैं।
चुने जाने के एक हफ्ते के बाद बॉस से सुरक्षा के इन्तेज़ामों के बारे में पूछ सकती हैं। अगर ऐसा कोई इंतज़ाम घरेलु हिंसा की शिकार महिलाओं के लिए नहीं है तो आप उन्हें इस तरह के प्रोग्राम के बारे में बता सकती हैं साथ ही स्तानीय घरेलु हिंसा के क्षेत्र में काम करने वाली संस्थओं से इस तरह की मदद मुहैया करने के लिए बात कर सकती हैं।
नौकरी का प्रस्ताव को स्वीकार करने से पहले समझ लें- किस तरह के लाभ मिलेंगे और उनका भुगतान कौन करेगा? स्वास्थ्य बीमा और अन्य प्रकार के बीमा, अवकाश, रिटायरमेंट, लोन, इत्यादि लाभ की जानकारी ले लें। ये सब लाभ अक्सर हज़ारों रूपए हर महीने के हिसाब से हो सकते हैं तो इनका उपयोग करें।
- मैं निम्न नौकरियां कर सकती हूँ:
- मुझे निम्न प्रकार की ट्रेनिंग की आवशयकता हे:
- मैं इस तरह की ट्रेनिंग ______ जगह पर कर सकती हूँ _____ कीमत पर
- मैंने रिज्यूमे लिख लिया है- हाँ या ना?
- मैंने नोटबुक में सब लिखना शुरू कर दिया है- हाँ या ना?
- तीन लोग तो मेरी सिफारिश कर सकते हैं: (नाम, पता और नंबर) :
पहला व्यक्ति:
दूसरा व्यक्ति:
तीसरा व्यक्ति:
- हर महीने के खर्चे जैसे की किराया, किचन का सामान, बिल, इत्यादि का समय पर भुगतान करें।
- क़र्ज़ की किश्त समय पर चुकाएं।
- अगर आप भुगतान नहीं कर प् रही हैं तो देनदार को फ़ोन कर के अपनी स्तिथि समझाएं, नजरअंदाज ना करें।
- क़र्ज़ की किश्त कुछ भी और खरीदने से पहले करें।
- क़र्ज़ के लिए तब ही आवेदन करें जब आप उसे इस्तेमाल करने वाली हैं नहीं तो लेनदार ये मान सकते हैं की आपके ऊपर बहुत सा क़र्ज़ है।
- चेक बाउंस/भुगतान रद्द ना होने दें।
- क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करें और हर महीने उसका समय पे भुगतान करें इससे ाचा क्रेडिट बनता है आपके नाम या फिर क्रेडिट कार्ड पर खर्च कम रखें।
ये आसान काम नहीं है पर इस इस तरह से देखें- आप या तो ऐसे इंसान के साथ रह सकती हैं जो कभी भी आपकी सुरक्षा के लिए घातक साबित हो सकता है या फिर खुद हिम्मत कर के अपनी जिंदगी बेहतर तरह से चलने का प्रयास कर सकती हैं। आपका रेहन सेहन कुछ समय के लिए बदल सकता है पर आपकी ऊर्जा और आत्मविश्वास बढ़ेगा जब प्रताड़ित माहौळ से बहार आएंगी। मुमकिन है आप खुद अचंभित होंगी ये देख कर की आप क्या क्या कर सकती हैं।
इस अध्याय में दी गयी धन को प्रबंधित करने की स्किल्स सीखने से आपकी आर्थिक चिंता और दर कम होगा, ये विश्वास भी बढ़ेगा की आप कर सकती हैं।
शुरआत सुनियोजित हो कर करें। ज्यादातर आर्थिक कागज़ात घर पाए रखे जा सकते हैं। सस्ता सा एक फाइल बॉक्स खरीदें और अपने सब कागज़ातों को अलग अलग फोल्डर में रखें। या फिर फोल्डर पर नाम लिख कर बॉक्स या ड्रावर में रखें। अगर शोषक आपके कागज़ात नष्ट कर देता है तो स्तानीय घरेलु हिंसा में मदद करने वाली संस्थाओं से संपर्क करें वो प्रति (कॉपी) निकलवाने में मदद करदेंगे।
इस तरह से फाइल्स पे लेबल लगा सकती हैं:
कागज़ात जिनकी प्रति(कॉपी) निकलवाना मुश्किल है या मुमकिन ही नहीं जैसे की वसीहत, घर का पट्टा, कार के कागज़, जन्म प्रमाण पत्र, PAN , तलाक के आदेश, नौकरी से सम्बंधित जरुरी कागज़, इत्यादि बैंक के लाकर या फायर प्रूफ बॉक्स में रखने चाइए।
अगर आपने कभी खुद का बचत या सैलरी खाता नहीं खोला है तो ऐसा करने का यही समय है। अपनी निजता बनाए रखने के लिए ऑफिस या माता पिता के घर का पता बैंक में दें। यही पता अपने ड्राइविंग लाइसेंस में दें।
खाता खोले से पहले इन बातों पर धयान दें- अलग अलग बैंक के खातों के बारे में पता करें और जहाँ शुल्क काम या बिलकुल ना हो, आस पास स्तिथ हो और कुछ पैसे रखने पर इंटरेस्ट भी दे वहां खाता खोलें। ये भी पता करें की मासिक रूप से मुहैया करवाए जाने वाली सुविधओं, चेक बुक, एटीएम कार्ड, इत्यादि के क्या शुल्क हैं। कोशिश करें की आपके शोषक का जहाँ खाता हो वहां आप ना खोलें।
हमेशा खाता में कितना मूल्य है इस पर नजर रखें जिससे कभी भी उससे जयदा का चेक ना दे दें क्यूंकि कभी भी चेक बाउंस हुआ तो बैंक पेनल्टी के तौर पर शुल्क लग देगा और इससे आपका क्रेडिट स्कोर पर भी असर होगा।
एक बहुत अच्छी बचत की आदत ये हो सकती है कि हर महीने पहले खुद को कुछ भुगतान किया जाए- खुद के बचत खाते में कुछ राशि जमा करें, फिर चाहे वो छोटी सी ही राशि क्यों ना हो।
इस बचत को आपातकालीन स्तिथि में काम में लेने को ही प्राथमिकता दी जानी चाइए। इस खाते में जमा राशि को यदि नौकरी चली जाए तो जीवन यापन के लिए, कोई बड़ी चिकित्सीय विपदा आ जाये तो ऐसे समय में ही इस्तेमाल किया जाना चाइए।
आपातकाल कोष (फण्ड) बनाने के लिए कुछ सुझाव:
- कोई भी दूसरे बिल का भुगतान करने से पहले हर महीने कि तन्खा में से १००० २००० इस खाते में जमा करवाएं।
- सिक्के और खुले पैसे एक कप में रखें, महीने के अंत तक काफी राशि जमा हो सकती है, जो भी हो उसे खाते में जमा करें।
- कर का रिफंड, काम पे मिला बोनस, ओवरटाइम का भुगतान या तन्खा में जो बढ़ोतरी मिले वो इस खाते में डालें।
- इस आपातकाल फण्ड कि राशि को ऐसी जगह निवेश करें जहाँ से आसानी से निकल भी सकें और कुछ इंटरेस्ट भी कमा पाएं।
आपातकाल फण्ड के लिए जो भी लक्ष्य रखा था वो पूरा हो जाए (कम से कम ३ महीने की तन्खा) तो नया खता खोल लें दूसरी जरूरतों के लिए जैसे फर्नीचर, घर का सामान, इत्यादि। या फिर म्यूच्यूअल फण्ड जैसे निवेश में धन लगाने की सोचें जिससे आप लम्बे समय में पुरे करने वाले लक्ष्य पुरे कर पाएं, ये कुछ भी हो सकता है जैसे की घर खरीदना, रिटायरमेंट, इत्यादि। अब जब बचत की आदत पद जाए तो इसे बरकरार रखें।
बैंक के सेविंग्स बचत खाते बहुत ही सुरक्षित तो होते हैं पर अक्सर बहुत काम ब्याज देते हैं, इस वजह से धन धीरे धीरे बढ़ेगा तो उदास ना हों। जब आपको लगे आप दूसरे निवेश के विकल्प आजमाने के लिए तैयार हैं तो वो भी शुरू कर सकती हैं। पर अभी एक बचत खाते से शुरुआत करने का मतलब ये होगा की आप मानती हैं की आपका भविष्य है, वो अच्छा होगा और आपका उस पर पूरा बस होगा।
कामना और बचत करना धन सुनियोजन का एक हिस्सा ही है, धन को कैसे खर्च करना है ये भी बहुत जरुरी है, कुछ सुझाव-
- वही सामान खरीदें जिसकी आपको जरुरत है, खरीदने से पहले खुद से पूछें- "क्या मुझे इसकी जरुरत है? या सिर्फ में ये लेना चाहती हूँ?" इन सवालों का जवाब देने पर आपको ताज्जुब होगा की कितनी बार आप चाहती होंगी लेना पर आपको जरुरत नहीं होगी। कुछ भी खरीदने के लिए धन जमा करें ना की लोन या क्रेडिट कार्ड पर लें।
- महंगी आदतें छोड़ने की कोशिश करें जैसे की धूम्रपान, महँगा मेक उप, लाटरी की टिकट, इत्यादि।
- आस पास स्तिथ दुकानों से सामान लें, मॉल्स से परहेज़ करें।
- खान पान के वस्तुओं की सूचि बनाएं और वही सामान लें, कॅश ही ले जाएं क्रेडिट कार्ड नहीं। इससे आप उतना ही खर्च करेंगी जो जरुरी है ना की ऑफर देख कर ज़्यदा खर्च होगा।
- घर पर खाना खाएं, काम पर भी घर से बना खाना ले कर जाएं इससे बहार के खाने पर होने वाला खर्च काम होगा।
- कार पूल (एक गाड़ी में एक से ज़्यदा लोगों का जाना और खर्च आपस में बांटना) करें या सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें।
- कुछ भी खरीदने से पहले दाम २ ३ जगह पता करें।
- महंगी दुकानें जहाँ सामान गिरवी रख धन लिया जा सकता है वहां नहीं जाएं।
- बच्चों की देख भाल के लिए पडोसी, रिश्तदारों और दोस्तों से मदद लें, क्रेच का खर्चा बच सकता है।
आय और खर्च का धयान रखने के लिए अच्छा तरीका ये है की खर्चे की योजना बनाई जाए, बहुत से लोग इसे बजट भी कहते हैं। धन अर्जित करने के लक्ष्य को खर्च करने के तरीके से जोड़ के देखा जा सकता है। इससे ये समझने में आसानी होती है की आय कितनी है, किस तरह से किन चीजों में खर्च करना चाइए और किस तरह से आप कुछ राशि बचा कर जोड़ सकती हैं। इससे धन पर नियंत्रण महसूस होगा।
अपनी आर्थिक पहचान बनाने के लिए महत्वपूर्ण है अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री होना। अच्छा क्रेडिट स्कोर होने का मतलब है की आप लाओं की किश्त सही समय पर चुकाते हैं और जो भी क़र्ज़ लिया है उसका भुगतान समय पर करते हैं। अच्छा क्रेडिट स्कोर होगा तो बड़ी राशि और लम्बे समय का कर्ज लेने में आसानी होगी जो की आप घर लेने या काम शुरू करें के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं।
क़र्ज़ का कंसोलिडेशन (सब क़र्ज़ को मिला कर एक करना) करने के लिए सुझाव:
एक स्थिर आय स्रोत के साथ अलग अलग क़र्ज़ को एक साथ जोड़ कर सबकी एक ही मासिक किश्त चुकाई जा सकती है। इसके लिए या तो नया क़र्ज़ लिया जा सकता है अभी के सब क़र्ज़ चुकता करके एक ही क़र्ज़ में बदलने के लिए, ऐसा करने से-
- देय राशि को अलग अलग ब्याज दर की जगह एक ही ब्याज दर पे जो अक्सर काम होती है पर चुकाया जाएगा।
- एक किश्त सब क़र्ज़ के लिए बजाए की अलग अलग किश्त अलग अलग ब्याज दर पे देना आसान होगा। अलग अलग क़र्ज़ को मिला कर एक बड़े कर्ज में बदल दिया जाएगा, अक्सर आसान चुकता करने की शर्तों पर। आसान शर्तों का मतलब है काम ब्याज दर, काम मासिक किश्त, या दोनों।
- धयान दें इसके फायदे तब ही हैं जब मासिक किश्त या ब्याज दर काम हो या दोनों हो।
फायदे |
नुकसान |
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एक ही किश्त में चुकाने से कार्यकुशलता आती है और धन राशि भी काम लगती है। |
अगर क्रेडिट स्कोर अच्छा ना हो कंसोलिडेशन क़र्ज़ मिलना मुश्किल होता है। |
काम ब्याज की दर |
जरुरत से जयदा खर्च करने का खतरा होता है। |
क्रेडिट स्कोर अच्छा करने में मदद मिल सकती हैं क्यूंकि कम किश्तों का मतलब होगा चुकाने में कम चूकेंगी। |
कर्ज चुकाने के लिए समय ज़्यदामिल रहा है तो आप वही धन राशि जयदा लम्बे समय तक चुकाएंगी। |
ज़्यदा समय मिलना= ज़्यदा ब्याज चुकाना |
इन्शुरन्स जीवन का जरुरी हिस्सा है क्यूंकि इससे बड़े बड़े आर्थिक नुक्सान से बचा जा सकता है। कुछ इन्शुरन्स जिसके बारे में आपको सोचना चाइए-
स्वास्थ्य बीमा- इस बीमा से आपके सब नहीं भी तो काफी सारे डॉक्टर और हॉस्पिटल के बिल का भुगतान होता है। पता करें की आपके एम्प्लॉयर ये फ़ायदा देते हैं या नहीं, अगर देते हैं तो मान के चलें उसका कुछ हिस्सा आपकी कमाई में से जाएगा। अगर अभी भी आप शादीशुदा हैं तो अपने वकील से पता करें कि आप पति को बाध्य कर सकती हैं आपको और बच्चों को उनकी बीमा पॉलिसी पर रखने के लिए। तलाक के बाद भी बच्चे पिता कि पॉलिसी पर रह सकते हैं, धयान रखने कि वो ऐसा कर रहे हैं।
जीवन बीमा- इस इन्शुरन्स का फ़ायदा ये है कि आपकी मृत्यु होने पर जिसको भी आप चुनेगी उनको धन राषि मिलेगी। अगर आपके बच्चे हैं और कोई भी आपकी आय पर निर्भर है तो ये बहुत फायदे का होता है।
- वाहन बीमा- ये बीमा इंडिया में कानूनी रूप से जरुरी है। ये पता करें कि अलग अलग प्लोसि के क्या क्या फायदे हैं और फिर चुनें।
- घर का बीमा- इसका फ़ायदा घर या घर के सामान में किसी भी तरह का नुकसान किसी भी तरह कि कुदरती विपदा, चोरी, इत्यादि कि वजह से हो उसकी भरपाई से मिलता है।
जब भी आप इन्शुरन्स पॉलिसी खरीदें, सब विकल्प अच्छे से देखें वैसे ही जैसे आप कोई सामान खरीदने जाती हैं। कम से कम तीन कंपनियों की बीमा पॉलिसी की तुलना करें। कुछ इन्शुरन्स जैसे की वाहन बीमा में हर साल ये देखें कि प्रीमियम का भुगतान कितना है और उसका लाभ कितना हो सकता है। स्वास्थ्य और जीवन बीमा के मामले में हर साल पॉलिसी बदलना आसान नहीं होगा क्यूंकि उनके लिए आपको योग्य होना होगा और कुछ फायदे २-३ साल के प्रीमियम भुगतान के बाद ही पॉलिसी में जुड़ते हैं।
मेरा बचत खाता या FD ______ बैंक में है।
मेरा सैलरी खाता _____ बैंक में है।
हर महीने मैं_____ बचत करूंगी।
मेरे पास खर्च करने कि योजना/बजट है - हाँ या ना?
मैं खर्च काम करूंगी ये कर के _____
मैं अपने क़र्ज़ नियंत्रण करने के लिए _____ करूंगी।
मेरे पास निम्न बीमा हैं _____।
शोषित होते समय शोषण से बच जाना जरुरी महसूस होता है और कानूनी दांव पेच तो दिमाग में सबसे आखिर में आते हैं। इस अध्याय से आपको ये समझ आएगा की किस तरह के कानूनी मसले आपको देखने पड़ेंगे और कानून व्यवस्था को किस तरह से इस्तेमाल कर के अपना हक़ पाना होगा जैसे कि: हिंसा से बचना, जो भी धन और संपत्ति रिश्ते में रहते हुए अर्जित हुई है उसमे से हिस्सा, इत्यादि।
अपने हक़ अच्छे से इस्तेमाल करने के लिए अच्छी सलाह लें। मुमकिन हो तो वकील से रिश्ते में से बहार आने से पहले बात करें या शोषक को बता दें कि आप तलाक के बारे में सोच रही हैं। वकील आपको बता सकते हैं कि खुद को सुरक्षित रखने के लिए और संपत्ति को नुक्सान नहीं पहुँचाया जा सके उसके लिए क्या कर सकती हैं
अगर आपके कोई वकील नहीं हैं और आपको लगता है आप वकील करने के खर्च का वहन नहीं कर सकती तो अपने शहर के घरेलु हिंसा में मदद करने वाले NGO से संपर्क करें। वो आपको मुफ्त कानूनी सलाह या सस्ती कानूनी सलाह मुहैया करवा सकते हैं। कोशिश करें ये संपर्क शोषक को कुछ भी पता लगे उससे पहले कर लिया जाए। अगर वो वकील या कानूनी सलाह मुहैया करवाने वाली संस्था से पहले मिलेंगे तो फिर वो वकील आपका केस नहीं लड़ पाएंगे चाहे शोषक उनकी सेवा ना ही ले।
अगर आप तलाक लेने कि नहीं सोच रही हैं तब भी सलाह लें इससे आपको आपके कानूनी हक़ पता लगेंगे। कॅश से भुगतान करें जिससे शोषक को पता न लगे। चाहें तो साथ में किसी दोस्त को ले जा सकती हैं इससे हिम्मत बढ़ती है। हालाँकि अगर आपके दोस्त वकील से बात करते समय भी साथ ही हैं तो ऐसे में आपकी निजता खत्म हो जाती है।
खुद को शोषित रिश्ते से बाहर निकलने में बहुत महत्वपूर्ण है एक ऐसा वकील ढूंढ़ना और मिलना, जिनके साथ आप सहज महसूस करें। वकील आपको समझाएंगे सम्पत्ति में हिस्सा, बच्चों का संरक्षण और अन्य तलाक से सम्बंदिथ मसले। ये और भी जरुरी तब हो जाता है जब आप इतनी परेशान हैं कि हिम्मत छोड़ कर शोषित करने वाले कि हर मांग मानने के लिए तैयार हैं। एक अच्छा वकील ऐसा नहीं होने देंगे।
अलग अलग वकीलों से बात करें तब तक, जब तक कोई ऐसा ना मिल जाए जो आपके साथ काम करे आपकी मदद करें पर आपको ये ना बताए कि आपको करना क्या है। आप पहले ही एक ऐसे रिश्ते में रह चुकी हैं जिसमे आपको हर तरह से नियंत्रित किया जा रहा था, अब एक और बार ऐसा हो ये तो आप भी नहीं चाहेंगी।
वकील नियुक्त करने से पहले कुछ सवाल ये करें-
- क्या वकील या उनकी फर्म के किसी भी पार्टनर से आपके पार्टनर/पति या उनसे जुड़े हुआ कोई भी व्यक्ति का
कोई भी केस पहले लड़ा है?
- क्या आप तलाक और बच्चों कि कस्टडी के केस लड़ते हैं?
- आपको घरेलु हिंसा के केस का अनुभव है? किसकी तरफ से केस लड़ा था- शोषक, शोश्ती या बच्चों?
- आम तौर पर कस्टडी के केस को किस तरह से लड़ते हैं आप?
- आप खुद केस लड़ेंगे या कोई और आपकी जगह केस लड़ेगा?
- मुझे कैसे केस कि सब जानकारी देंगे?
- मेरे केस में अनुमानित कितना खर्चा आएगा?
- जिनके पास बहुत धन नहीं होता क्या आप उनसे थोड़ी काम फीस ले कर काम करते हैं? क्या आप किश्तों में मुझसे फीस का भुगतान करने कि योजना के बारे में बात करेंगे?
- क्या कोई तरीका है मैं आपकी केस मैं कुछ मदद करके खर्च कम कर सकूँ?
आम तौर पर जो भी संपत्ति रिश्ते मैं रहते हुए अर्जित कि गयी है, फिर चाहे सिर्फ वो शोषक के नाम ही क्यों ना हो, पर भी आपका कानूनी हक़ बनता है। आपके वकील आपके हक़ के बारे में सलाह दे सकते हैं।
अगर आप रिश्ता छोड़ कर आ गयी हैं तो वकील सब संपत्ति के इस्तेमाल पर कानूनी रूप से रोक लगवा सकते है जिससे जब तक तकाल कि कार्यवाही पूरी नहीं हो जाती तब तक कुछ भी छुपाया या खर्च नहीं किया जा सके। इस बारे मैं भी सलाह दे सकते हैं कि ऐसे क़र्ज़ जो आप दोनों के नाम में हैं उसका क्या किया जाए और नए कर्ज दोनों के नाम मैं लेने से कैसे रोका जाये।
साथ ही आप वकील को केस कि शुरुआत में कोर्ट से आर्थिक सहायता, फ्री कानूनी सर्विसेज, संपत्ति की कीमत आंकने के लिए और बच्चों के लिए अस्थायी मदद मांगने के लिए कह सकती हैं।
आपके वकील, घरेलु हिंसा के क्षेत्र मैं काम करने वाली संस्थाएं या आपके शहर का कोर्ट आपको निषेधाज्ञा की जटिलता समझा सकते हैं। हालाँकि निषेधाज्ञा के बारे में बहुत कुछ लिखा जा चुका है जो की महिलाओं को बचने के काम नहीं आया, पर फिर भी ये सब पढ़ना मदगार होगा।
अगर आपके पास शोषक के खिलाफ निषेधाज्ञा है तो उसे हमेशा अपने पास रखें, उसकी प्रतियां बना कर अपने ऑफिस, बच्चों के स्कूल और सब जगह दें जहाँ आप रोजाना मैं समय व्यतीत करती हैं। जब कभी भी वो इसकी अवहेलना करें, उस घटना का रिकॉर्ड रखें और पुलिस मैं रिपोर्ट करें। आपके ऐसा करने से उन्हें गिरफ्तार करके सजा देना आसान होगा।
तलाक से गुजरना किसी के लिए भी तनावपूर्ण हो सकता है पर उस महिला जिसने शोषण झेला हो उनके लिए बहुत ज्यादा तकलीफदेय होना सामान्य है। आपको हिम्मत रखनी होगी अपने हक़ पाने के लिए, आपके भविष्य की आर्थिक सुरक्षा इस बात पर ही निर्भर करेगी।
धन की लागत बचाने के लिए आप खुद तलाक की गतिविधियों को सँभालने का निर्णय ले सकती हैं (Pro se कहते हैं उसे)। बहुत सावधान रहें, याद रखें शोषक की किसी भी अनुचित मांग न माने या तलाक के किसी भी परिणाम को उन्हें नियंत्रित ना करने दें जैसे वो आपको और रिश्ते को नियंत्रित करते आये हैं। अगर आपको ये ही रास्ता चुन न पड़े तो घरेलु हिंसा के क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं से सुचना और मदद के आग्रह करें। कोर्ट से मुफ्त कानूनी सहायता के लिए भी अर्जी कर सकती हैं।
अगर जरा भी मुमकिन हो तो एक वकील करें तलाक की कार्यवाही करवाने के लिए। वो आपको अच्छी सलाह देंगे पर कुछ विचारणीय बिंदु ये हैं-
- मध्यस्थता आपसी सहमति से काम करती है पर सिविल केस में, ऐसा करना घरेलु हिंसा की स्तिथि में उपयुक्त नहीं। शोषक मध्यस्थता का इस्तेमाल कर के आपको डरा सकता है। अगर आपके वकील मध्यस्थता करने की सलाह देते हैं तो उनसे कारन पूछें और तब ही आगे बढ़ें जब आपको विश्वास हो की ऐसा करने से आपके हक़ मैं कोई समझौता नहीं करना पड़ेगा।
- ऐसे ही, बच्चों की कस्टडी दोनों को मिले ऐसा घरेलू हिंसा की स्तिथि में उपयुक्त नहीं। तलाक के बाद जितना काम संपर्क शोषक के साथ रहे उतना ही अच्छा होगा। अगर कस्टडी दोनों को मिलती है तो ऐसे में शोषक और अगर वो फिर शादी कर लेते हैं तो उनकी पत्नी के साथ लगातार संपर्क मैं रहना होगा। ज्यादातर जानकार सलाह देते हैं की बच्चों की कस्टडी उसको मिले जो हिंसा नहीं कर रहा था, कोर्ट कहे तो मिलने के हक़ दिए जा सकते हैं दूसरे पार्टनर को। कोशिश करें मिलने के हक़ भी आपकी उपस्थिति में दिए जाएं।
- वकील को सब आर्थिक और संपत्ति के कागज़ात की प्रतियां दें। जितनी जानकारी आप खुद दे देंगी उतना ही काम टाइम वकील को लगेगा आपसे सब कुछ जानने में और कम समय की फीस आपको चुकानी पड़ेगी। पति के रिटायरमेंट प्लान, व्यवसाय मैं होने वाला लाभ या कोई भी कीमती संग्रह जैसी संपत्ति न भूलें।
- अगर आपको एलीमोनी या रखरखाव खर्च देने के लिए कोर्ट कहता है तो पूरी रकम एक साथ मांगे। बहुत बार शोषक समय पर भुगतान नहीं करते तो फिर से आपको कोर्ट के जरिये ही ये मिल पाएंगे जिसकी प्रक्रिया लम्बी होती है। ये भी मांग करें की शोषक जीवन बीमा करवाएं जिसमे आप लाभार्थी हों।
- अगर कोर्ट शोषक को आप दोनों के नाम मैं लिए गए क़र्ज़ चुकाने का निर्देश देती है तो मांग करे की उस राशि का भुगतान वो आपको करें और फिर आप देनदारों को दें नहीं तो हो सकता है वो चुकाने से मन कर दें जिससे आपका क्रेडिट स्कोर ख़राब होगा।
- बच्चों के लिए मिलने वाली राशि या और जो भी कुछ मिलने वाला है उसे उनकी आय के प्रतिशत के हिसाब से मांगे न की एक मुश्त रकम। ऐसा करने से अगर भविष्य मैं उनकी आय बढ़ती है तो उसका फ़ायदा बच्चों और आपको होगा। ये भी पता करें की उनसे मदद बच्चों के कॉलेज तक की पढाई के लिए भी मिल सकती है या नहीं।
- धयान रखें अगर वो दिवालिया घोषित भी हो जाते हैं तब भी बच्चों की देखभाल के लिए उन्हें आर्थिक मदद मुहैया करवानी ही होगी।
- अगर आप पति से ज्यादा कमाती हैं तो मुमकिन है इस तरह का सेटलमेंट न हो।
- तलाक के कागज़ में निषेधाज्ञा हो सकती है की शोषक दूर रहे आपसे, इस तरह से मजबूती से आप आगे बढ़ पाएंगी।
- तलाक के मुक़दमे से गुजरना काफी सशक्त महसूस करवा सकता है, याद रहे तलाक आपके जीवन का अंत नहीं है बल्कि नए जीवन की शुरुआत है।
१. मेरे वकील _____ होंगे।
२. में निम्न कानूनी कार्यवाही करुँगी (तारीख के साथ):
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शोषित होती महिलाऐं अक्सर आज का दिन सुरक्षित निकल जाए इससे आगे सोच ही नहीं पाती, भविष्य की योजना बनाना तो नामुमकिन प्रतीत होता है।
इस गाइड को पढ़ने के बाद आप एक ऐसे भविष्य के बारे मैं सोच रही हैं जो प्रताड़ना मुक्त होगा। ये मान लेना की जीवन में कोई मुशिकल है, मुश्किल से उबरने का पहला कदम होता है। सच को मानना और खुल कर बोलना और भी अच्छा होता है।
ये बिलकुल सही है की फिर से शुरुआत करना मुश्किल है, डरावना भी है पर आनंदायक भी होगा। जितनी ज्यादा कोशिश आप करेंगी खुद के लिए उतना ही आत्मविश्वास आपको खुद के स्वतंत्र हो कर आराम से जीने पर आएगा।
सोचना शुरू करने की किस प्रकार का भविष्य आप खुद के लिए चाहती हैं, अपने लक्ष्य और सपने लिखना शुरू करें। लिखने से वो सच्चाई के ज्यादा करीब लगेंगे।
मुबारक हो नए जीवन की शुरुआत के लिए!
मैं एक साल मैं खुद को ______ तरह से जीवन जीता देखती हूँ।
मैं खुद को ५ साल मैं _______ तरह से जीवन जीता देखना चाहती हूँ।
मेरे सपने और लक्ष्य ____ हैं।