मुझे याद है कुछ दिनों पहले मैं बाजार गई थी और वहां अश्वगंधा पाउडर को देखा था। मैंने इससे पहले कभी भी अश्वगंधा का पाउडर नहीं देखा था तो जाहिर सी बात है कि मुझे आश्चर्य हुआ था। दरअसल उसके पैकेट पर कई तरह के लाभ लिखे हुए थे और मैंने सोचा कि यह भला कौन सी चीज है जिसके बारे में मुझे पता नहीं। तब मेरी माँ ने मुझे अश्वगंधा (Ashwagandha Benefits in Hindi) के बारे में बहुत कुछ बताया और यह भी कहा कि उनकी मां यानी मेरी नानी अश्वगंधा का प्रयोग अपने बालों पर करती थी।
यही नहीं, कई बार चेहरे पर भी मेरी नानी अश्वगन्धा का लेप लगाया करती थी। मुझे यह सब सुनकर बहुत अचरज हुआ और मैंने ठान लिया कि मैं अश्वगंधा के बारे में और जानकारी पता करके रहूंगी। घर आकर मैंने अश्वगंधा के बारे में इन्टरनेट से ढेर सारी जानकारी ली और मेरी माँ ने भी इसमें मेरी मदद की।
अश्वगंधा एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है जिसका प्रयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा और पारंपरिक चीनी चिकित्सा में किया जाता है। जिस पौधे से यह मिलता है उसे विथानिया सोम्निफेरा, भारतीय जिनसेंग और पॉइजन गुजबेरी के नाम से भी जाना जाता है। इसका फल लाल बेर की तरह दिखता है। यह मूल रूप से उत्तरी अफ्रीका, भारत और मिडिल इस्ट के कुछ हिस्सों में उगाया जाता रहा है लेकिन अब यह अमेरिका में भी उगाया जाता है। अश्वगंधा पौधे की जड़ें सूख जाती हैं और फिर इसे पाउडर के रूप में बना दिया जाता है। अश्वगंधा एक्सट्रैक्ट को भी पौधे से हीलिंग के उद्देश्य से निकाला जाता है।
संस्कृत में, अश्वगंधा का मतलब घोड़े की गंध है। इसका सीधा मतलब घोड़े की गंध से नहीं बल्कि अश्वगंधा के निल्कुल अलग तरह की गंध से जोड़कर देखा जाता है। इस जड़ी-बूटी को भारत में आयुर्वेदिक डॉक्टर ताकत प्रदान करने वाला मानते हैं।
कैसे खाएं अश्वगंधा?
अश्वगंधा पाउडर के तौर पर तो मिलता ही है, इसके अलावा यह कैप्सूल के तौर पर भी मिलता है लेकिन कई बार यह ड्रिंक्स, चाय और टिंक्चर में भी मिल जाता है। कभी-कभी तो घी और शहद में भी अश्वगंधा को पाया जा सकता है। यदि आप इसे कैप्सूल की तरह खाना चाहती हैं तो इसे अपनी प्रतिदिन की विटामिन या नैचुरल सप्लीमेंट की तरह खाएं। यदि पाउडर की तरह खाना चाहती हैं तो इसे अपनी ड्रिंक, स्मूदी या जूस में मिलाकर पी सकती हैं या फिर किसी सब्जी में भी डाल कर भी इसे खाया जा सकता है। बाजार में अश्वगंधा फ्लेवर वाली चाय भी उपलब्ध है।
अश्वगंधा के फायदें (Benefits of Ashwagandha in Hindi)
यह कई बीमारियों को ठीक करता है व मानसिक स्वास्थ्य में लाभकारी है। इसे आप अपनी रोजाना की डाइट में शामिल करके इसके बेहतरीन फायदा ले सकती हैं।
अश्वगंधा एक ऐसी जड़ी- बूटी है जो शरीर को ताकत प्रदान करती है। जब हमारा शरीर तनाव में रहता है तो शरीर की काम करने की क्षमता कम हो जाती है और तनाव का स्तर बढ़ जाता है। ऐसे में अश्वगंधा हमारे शरीर को उस तनाव से बाहर निकालने में मदद करती है। आसान शब्दों में बोलें तो यह स्वयं ही काम करके हमारे शरीर को तनाव से बाहर निकालने में मदद करती है और कोर्टिसोल स्तर को भी कम करती है।
अश्वगंधा को भारतीय जिनसेंग माना जाता है और अन्य जिनसेंग की तरह इसमें भी न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण हैं। कुछ शोध बताते हैं कि यह स्मरण और दिमाग के काम- काज में सुधार के लिए बेहतरीन साबित हुआ है। यह एंटीऑक्सिडेंट एक्टिविटी को भी बढ़ावा देता है जो नर्व डिजेनेरेशन को रोकने में मददगार है। यह दिमाग के काम-काज में सुधार करने के साथ ही आपकी काम करने की क्षमता और आप कितनी तेजी से चीजों पर प्रतिक्रिया देते हैं, को भी सुधारता है। यही वजह है कि अश्वगंधा को ऐसी जड़ी-बूटी माना जाता है जो हमारे जीवन चक्र को बढाता है, मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करता है।
एथलीट अश्वगंधा का उपयोग लंबे समय से ताकत और चोट या मोच से ठीक होने के लिए कर रहे हैं। जो लोग किसी भी रसायन आधारित सिंथेटिक्स की मदद के बिना अपनी शक्ति को बढ़ाना चाहते हैं, उनके लिए अश्वगंधा बड़े काम का है। यह शारीरिक और मानसिक शक्ति दोनों को सुधारता है। जैसा कि पहले भी बताया गया है, अश्वगंधा एक एडेपटोजेनिक जड़ी-बूटी है तो यह कड़ी मेहनत के बाद शरीर की मदद करता है ताकि वह स्वयं को एडजस्ट कर ले। जब डैमेज ही कम होगा तो रिकवरी में लगने वाला समय भी कम होगा और इस तरह से आपको कम थकान होगी और आपका स्टैमिना में सुधार आएगा।
अश्वगंधा जड़ी-बूटी इन्फ्लेमेशन को कम करने के लिए उत्तम है। सूजन को कम करने के लिए अश्वगंधा का प्रयोग सालों से किया जाता रहा है। इन्फ्लेमेशन शरीर की इम्युनिटी को प्रभावित करता है और इसे जड़ से दूर करता है। यह सभी एलेमेंट्स को संतुलित करता है और इस तरह से शरीर से सूजन कम होती है।
चिंता होने के कई कारण हैं। अधिक तनाव और असंतुलित हार्मोन्स होने की वजह से भी चिंता हो जाती है। जैसा कि पहले भी बताया गया है कि अश्वगंधा एक एडेपटोजेनिक जड़ी-बूटी है जो कि चिंता कम करने के लिए यह बढ़िया दवा है। एडेपटोजेन्स में निहित हीलिंग गुण हमारी मानसिक स्थिति को संतुलित करते हैं। इसलिए यह चिंता को नियंत्रित करने के लिए हार्मोन्स को भी संतुलित करता है। अश्वगंधा हमारे नर्वस सिस्टम को स्थिर करने के साथ ही, चिंता के स्तर को भी कम करने में मदद करता है।
कुछ शोध बताते हैं कि रोजाना अश्वगंधा का निर्धारित तरीके से सेवन करने से इनसोमनिया के इलाज में मदद मिलती है। जैसे ही आपका शरीर अधिक तनाव में रहता है, आपका शरीर हेल्दी तरीके से सोने के पैटर्न को नहीं निभा पाता है जो शरीर के सही तरीके से काम करने के लिए आवश्यक है। ऐसे में, अश्वगंधा तनाव के स्तर को कम करता है और आपके सोने के पैटर्न और गुणवत्ता दोनों में सुधार लाता है।
आज के समय में डायबिटीज तेजी से एक परेशानी के तौर पर बढ़ रहा है। यदि किसी को शुरुआत में डायबिटीज हुआ है तो अश्वगंधा का सेवन इसे ठीक करने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। यह पैन्क्रिएटिक सेल्स की मदद करता है। इम्यून सिस्टम को प्रोत्साहित करता है और सेल्स को डैमेज होने से बचाता है, ब्लड ग्लूकोज स्तर को कम करता है और इस तरह से डायबिटीज के जोखिम को कम करता है।
आज के समय में जब इनफर्टिलिटी की समस्या बहुत आम हो रही है, ऐसे में अश्वगंधा एक बेहतरीन इलाज के तौर पर जाना जा रहा है। न केवल महिलाओं की इनफर्टिलिटी के लिए बल्कि पुरुषों में होने वाली इनफर्टिलिटी को ठीक करने में भी अश्वगंधा बढ़िया काम करता है। यह न सिर्फ बाहरी तौर पर बल्कि अंदरूनी तौर पर भी शरीर को ठीक करता है। चूंकि यह एक एडेपटोजेन है तो यह इनफर्टिलिटी के रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करता है।
अश्वगंधा एक ऐसी जड़ी-बूटी है जो शरीर के मेटाबौलिज्म की गति को बढ़ाते हुए वजन को नियंत्रित करता है। यही नहीं, यह पाचन तंत्र को भी सुधारता है और इस तरह से आपका शरीर बेहतरीन तरीके से काम करता है। आपके शरीर का ऊर्जा का स्तर भी सुधरता है व उसमें तेजी आती है और तेजी से कैलोरी बर्न भी होती है। इसके लिए आपको प्रतिदिन और नियमित तौर पर अश्वगंधा का सेवन करना होगा।
अश्वगंधा त्वचा में नमी बनाये रखता है, रुखी-सूखी त्वचा की सुरक्षा करता है। यही नहीं, त्वचा के अंदर की गंदगी और अशुद्धि को भी बाहर निकालता है जो पोर्स और एक्ने को बंद कर देते हैं। यह बेहतरीन टोनर का भी काम करता है। त्वचा का टोनर बनाने के लिए एक चम्मच अश्वगंधा, एक चम्मच सूखा अदरक, एक चम्मच नींबू के छिलके के पाउडर को एक कप पानी में उबाल लें और जब यह ठंडा हो जाए तो इसका प्रयोग त्वचा के टोनर के तौर पर किया जा सकता है।
इसमें उम्र के प्रभाव को रोकने की भी क्षमता है। एक चम्मच अश्वगंधा पाउडर को गुलाब जल के साथ मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। इसे फेस मास्क के तौर पर लगाएं, 15 मिनट लगे रहने दें, फिर सादे पानी से इसे धो लें।
अपने बाल को सुंदर और चमकदार बनाने के लिए अश्वगंधा को आप बालों में भी लगा सकती हैं। यह स्कल्प में रक्त के संचार को सुधारता है, बाल मजबूत करता है, डैंड्रफ को दूर करता है। यह मेलानिन को भी उत्तेजित करता है जो बालों के रंग के लिए उत्तरदायी है, तो हो सकता है कि आपके बालों का सफेद होना भी रुक जाए। इसे नियमित लगाने से बालों का झड़ना भी रुक सकता है। दरअसल, अश्वगंधा कोर्टिसोल स्तर को कम करता है और इस तरह से आपके शरीर पर तनाव कम होता है और बालों का झड़ना और टूटना रुक जाता है। बालों को चमकदार बनाये रखने में भी अश्वगंधा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
मुझे अश्वगंधा के बारे में इतना सब कुछ जानकर हैरानी हुई क्योंकि मुझे इसके लाभ के बारे में नहीं पता था। अश्वगंधा एक प्राकृतिक औषधि है जिसका सालों से उपयोग किया जाता रहा है लेकिन यदि आप इसका सेवन बड़ी मात्रा में करना चाहती हैं तो उचित होगा कि आप एक बार सोच लें और यदि आपको किसी तरह की बीमारी या रोग है तो पहले डॉक्टर से राय अवश्य ले लें।
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